उज्जैन/इंदौर: उज्जैन में लग रहे सिंहस्थ 2016 के दौरान आई आपदा के बाद सिंहस्थ क्षेत्र को संवारने में प्रशासन, साधु-संत सभी जुट गए. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होंने किसी की राह देखे बिना ही साधु-संत के उखड़ चुके पांडाल को फिर से व्यवस्थित करने में उनकी मदद की. वे एक बार फिर घोड़ी चढ़ गए. मगर यह घोड़ी संतों के लिए थी. ऊपर चढकर उन्होंने टेंट का पोल जोड़ा. सीएम ने आपदा के बाद अगले दिन तड़के 3 बजे शहर में पहुंचते हुए सिंहस्थ में हुए नुकसान का जायजा लिया था। उन्होंने लोगों को चाय और जल भी पिलाया था. इसके बाद वे सिंहस्थ के मंगलाथ क्षेत्र में महंत रामराय जी क पांडाल को सुधारने में लगे रहे. मुख्यमंत्री शिवराज को जानकारी मिली कि पांडाल टूटने के बाद लोगों को इस हाल में ही रात्रि गुजारनी पड़ी ऐसे में पूरा पांडाल शिवराज और साधु संतों द्वारा खड़ा किया गया. विधायक डाॅ. मोहन यादव ने भी पांडाल को खड़ा करने में अपना सहयोग दिया। बारिश से हुई बदहाली के बाद व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री शुक्रवार तड़के भी उज्जैन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने घायलों से भेंट भी की, जब मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने वाहन से चाय के लिए लाईन में लगे लोगों को और कुछ भटकते लोगों को देखा तो वे अपने वाहन से उतर गए और खुद ही लोगों को चाय देने लगे।