भोपाल: मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान इन दिनों काम में लापरवाही या सुस्ती को लेकर सख्त रूख अख्तियार किए हुए हैं तथा इसके चलते बीते कुछ दिनों में उन्होंने कई जिलों का औचक दौरा कर कई अधिकारीयों को सस्पेंड भी किया है मगर अब जबलपुर उच्च न्यायालय ने एक मामले में मुख्यमंत्री द्वारा निलंबित किए गए अफसर को राहत देते हुए उसका निलंबन रद्द करने के आदेश दिए हैं। दरअसल छिंदवाड़ा के सीएमएचओ जीसी चौरसिया ने हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए सस्पेंशन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने चौरसिया के सस्पेंशन पर रोक लगा दी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार तथा अन्य को नोटिस जारी कर मामले में जवाब भी मांगा है। इसी महीने 9 दिसंबर को ही मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान कार्यक्रम में छिंदवाड़ा CMHO जीसी चौरसिया को सस्पेंड किया गया था। हालांकि यह पहली बार नहीं था, जब छिंदवाड़ा सीएमएचओ सस्पेंड हुए हो। सीएम शिवराज ने इसी वर्ष 22 सितंबर को उन्हें निलंबित किया था मगर तब भी सीएमएचओ को उच्च न्यायालय से राहत मिल गई थी। जबलपुर उच्च न्यायालय में जीसी चौरसिया के वकील की तरफ से दलील दी गई कि विभाग द्वारा उन्हें ससपेंड किए जाने पर किसी भी तरह का ठोस तर्क नहीं दिया गया है तथा यह प्रक्रिया भी उचित नहीं है। दलील को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने निलंबन के आदेश को निरस्त करते हुए जीसी चौरसिया की जगह जिस दूसरे अफसर को सीएमएचओ नियुक्त किया गया था उस आदेश को भी स्थगित कर दिया गया। आपको बता दें कि इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज एक्शन मोड में है तथा कई बार सार्वजनिक मंच से ही अफसरों/कर्मचारियों को निलंबित कर रहे हैं। 'ये भारत जोड़ो यात्रा रोकने का बहाना..', कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्री के पत्र को लेकर बोले राहुल 'सुशांत-दिशा मामले में आदित्य ठाकरे का नार्को टेस्ट हो, सच सामने आ जाएगा..', भाजपा MLA की मांग 'भारत में मुस्लिम असुरक्षित, मैंने बेटे-बेटी को विदेश में रहने को कहा..', RJD नेता का बड़ा बयान