खंडवा: आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीर्थनगरी ओम्कारेश्वर में जगतगुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची मूर्ति "स्टेच्यू ऑफ़ वननेस" का अनावरण किया। यह पूरी दुनिया में शंकराचार्य की सबसे ऊची प्रतिमा हैं। नर्मदा किनारे देश का चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है जहां वे अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले तथा यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। प्रतिमा का अनावरण करने से पहले शिवराज सिंह ने अपनी पत्नी के साथ पूजा-अर्चना कर हवन में हिस्सा लिया तथा फिर प्रतिमा का अनावरण करने के पश्चात् संतों के साथ प्रतिमा की परिक्रमा भी की। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'आचार्य शंकर के विराट स्वरूप में समर्पण ! श्री शंकर भगवत्पाद सनातन वैदिक संस्कृति के सर्वोच्च प्रतिमान हैं। धर्म-संस्कृति के रक्षणार्थ उन्होंने जो श्रेष्ठ कार्य संपादित किए,वह अद्वितीय हैं। ज्ञानभूमि ओंकारेश्वर से उनके विचारों का लोकव्यापीकरण हो तथा समस्त विश्व एकात्मता के सार्वभौमिक संदेश को आत्मसात करे। आध्यात्मिक ऊर्जा से अनुप्राणित आचार्य शंकर के श्रीचरणों में ही शुभता तथा शुभत्व है।संपूर्ण जगत के कल्याण का सूर्य अद्वैत के मंगलकारी विचारों में ही निहित है।' 12 साल की उम्र में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया। इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 साल के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की गई। इस योजना के प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति बनाई गई है जबकि शेष कार्यो का भूमिपूजन होना है। हिन्दू धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता 'आचार्य शंकर' के जीवन एवं दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ मध्य प्रदेश शासन द्वारा ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। संजय गांधी अस्पताल पर लटका ताला, लापरवाई के कारण मरीज की मौत के बाद लिया गया फैसला ! 'चाँद की बुरी तस्वीरें जनता को मत दिखाओ..', ISRO से सपा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव की अजीब मांग कनाडाई लोगों को नो एंट्री ! भारत ने बंद की वीज़ा सर्विस, खालिस्तानियों का समर्थन कर थे जस्टिन ट्रुडो