CM शिवराज ने धोए जिस व्यक्ति के पैर उसके बयान ने मचाया बवाल, बोला- 'जिसको प्रताड़ित किया जा रहा है वो मैं नहीं हूं'

सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए पेशाबकांड को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। वहीं पीड़ित दशमत रावत ने अब एक नया खुलासा किया है। उन्होंने कबूल किया कि प्रारंभिक जांच के चलते अफसरों से झूठ बोला था। बीते सप्ताह सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक व्यक्ति, जिसकी बाद में पहचान प्रवेश शुक्ला के रूप में हुई, आदिवासी श्रमिक पर पेशाब करता हुआ नजर आ रहा था। वायरल वीडियो ने राज्य की राजनीति का पारा बढ़ा दिया है। अगले दिन प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार किया गया तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।

वही मीडिया से चर्चा के दौरान दशमत रावत ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर से लगातार झूठ बोला था कि वीडियो में जिस शख्स को प्रताड़ित किया जा रहा है वो मैं नहीं हूं। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना 2020 में हुई थी तथा मैं उस वक़्त नशे में था। रावत ने कहा, 'ये घटना 2020 की है। मैं नशे में था तथा कुछ समझ नहीं पा रहा था। मैंने यह तक नहीं देखा कि मुझ पर पेशाब करने वाला शख्स कौन था।' उन्होंने कहा, 'जब वीडियो वायरल हुआ तो मुझे पुलिस स्टेशन एवं फिर कलेक्टर के पास ले जाया गया। वहां, मैंने बार-बार झूठ बोला कि मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जिसे वीडियो में प्रताड़ित किया जा रहा है। मगर जब अपराधी प्रवेश शुक्ला ने स्वयं अपना जुर्म कबूल कर लिया तो मुझे भरोसा हुआ।' दशमत रावत ने प्रदेश सरकार से इस कृत्य में सम्मिलित अपराधी को रिहा करने का भी आग्रह किया है और कहा है कि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है। 

रावत ने कहा, 'मेरी सरकार से मांग है कि (आरोपी द्वारा) गलती हो गई है...अब प्रवेश शुक्ला को रिहा कर देना चाहिए। अतीत में जो कुछ भी हुआ, उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है।' आदिवासी रावत का स्पष्टीकरण ऐसे वक़्त पर आया है जब दावा किया जा रहा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जिस शख्स के पैर धोए थे, वह वायरल वीडियो वाला व्यक्ति नहीं है। कांग्रेस की राज्य इकाई ने षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, 'सीधी पेशाबकांड में बड़ा खुलासा, शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता है क्या? शिवराज जी, इतना बड़ा षड्यंत्र? मध्य प्रदेश आपको माफ नहीं करेगा।'

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