मुंबई: एक बार फिर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने मराठियों के लिए नौकरियों के मसलें को उठाया है। सीएम ठाकरे ने बोला है कि राज्य की इंडस्ट्री पॉलिसी के माध्यम से मराठियों को रोजगार प्रदान किया जाए तथा इस पॉलिसी में ट्रेनिंग प्रोग्राम को सम्मिलित किया जाए। इस सिलसिले में उद्धव ठाकरे ने उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग और कौशल विकास विभाग से सहायता लेने के भी निर्देश दिए। बता दें कि इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की समीक्षा बैठक 4 मई मुंबई में हुई थी। सीएम ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र में निवेश लाने की कोशिश की जानी चाहिए। उन्होंने बोला कि महाराष्ट्र में जो भी उद्योग स्थापित हुए हैं, उनमें मराठियों को मौका प्राप्त होना चाहिए। इस दृष्टि से रोजगार प्रदान करने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम पर उद्योग संबंधी पॉलिसी में विचार किया जाना चाहिए, जिससे उद्योग को उसकी आवश्यकता के मुताबिक प्रशिक्षित मानव संसाधन मिले तथा हमारे युवाओं को भी रोजगार के मौके प्राप्त हो। वहीं, महाराष्ट्र में लोकल बॉडी इलेक्शन को लेकर शिवसेना ने बोला है कि वह किसी भी चुनौती के लिए तैयार है तथा बीते कुछ माहों से वह चुनाव के लिए तैयार है। आपको बता दें कि अन्य पिछड़ा वर्ग मतलब OBC आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय से बुधवार को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर परिसीमन का कार्य प्रगति पर होने का हवाला दिया था और ये अपील की थी कि इसके बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है। महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ओबीसी को आरक्षण देने की नीति लागू करने से पहले ट्रिपल टेस्ट मतलब 3 कसौटियों पर कसना आवश्यक होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि तीनों टेस्ट की रिपोर्ट सकारात्मक आने के बाद ही ओबीसी को आरक्षण दिया जा सकता है। 3 टेस्ट में आयोग बनाने, पिछड़ेपन का विस्तृत डाटा, पिछड़ी जातियों का कुल आबादी में अनुपात और समानुपातिक प्रतिनिधित्व का आधार सम्मिलित है। शराब का गिलास लेकर चीनी महिला राजदूत के साथ पब में थे राहुल गांधी, ये देश के लिए घातक: सांसद प्रज्ञा 2 जून को आत्मसमर्पण करेंगे CM हेमंत सोरेन! जानिए क्या है पूरा मामला? चुनाव हारने के ठीक एक साल बाद आज बंगाल दौरे पर अमित शाह, बिखरती भाजपा को समेटने की चुनौती