कोरोना काल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गन्ना किसान पूरी तरह निश्चिंत रहें. पाई-पाई तक का भुगतान होगा. प्रत्येक गन्ना किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाएगा. गन्ना किसानों को एक लाख करोड़ रुपये तक गन्ना मूल्य भुगतान किए जाने के बाद मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रत्येक जिले के गन्ना किसानों से जुड़े हुए थे. गोरखपुर मंडल के किसान मुख्यमंत्री से संवाद व आभार व्यक्त करने के लिए गोरखपुर एनआईसी में आए हुए थे. भारतीय सैनिकों की मौत का जश्न मनाने वालों के साथ बैठते हैं राहुल - किरण रिजिजू इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों से पूछा कि गन्ने का भुगतान अथवा चीनी मिलों को लेकर किसी किसान को कोई समस्या तो नहीं है. गोरखपुर मंडल से गोरखपुर जिले के सरदारनगर विकास खंड के ग्राम शत्रुघ्नपुर के किसान रामसूरत मौर्य ने कहा कि पिपराइच चीनी मिल स्थापित होने से जिले के तमाम गन्ना किसानों को बड़ी राहत मिली है. कहा कि पहली बार कोई मुख्यमंत्री भुगतान को लेकर किसानों से संवाद कर रहा है. समय पर किसानों को भुगतान भी हो जा रहा है. कुशीनगर के किसान देवेंद्र राय ने भी मुख्यमंत्री से संवाद किया. अन्य मंडलो से भी किसानों ने अपनी अपनी बातें रखीं. बता दें गोरखपुर जिले के पिपराइच गन्ना चीनी मिल पर किसानों का 145.46 करोड़ रुपये का बकाया था. इसमें से 89 करोड़ 35 लाख का भुगतान हो चुका है. 56.11 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना अभी शेष है. यूपी बस विवाद: प्रियंका के निजी सचिव को राहत नहीं, अभी जेल में रहना होगा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बस्ती के मुंडेरवा चीनी मिल पर किसानों का 139.86 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य बाकी था. इसमें से 83.62 लाख रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है. मुंडेरवा चीनी मिल पर 56.24 करोड़ रुपये का भुगतान अभी शेष है. गोरखपुर मंडल से विडियो कांफ्रेंसिंग में उप गन्ना आयुक्त उषा पाल, जिला गन्ना अधिकारी शैलेष अस्थाना सहित गोरखपुर के सरदारनगर समिति के ग्राम गोविंदपुर निवासी किसान विरेंद्र प्रताप सिंह, बस्ती जिले बस्ती समिति के ग्राम खोभा निवासी सतीश चंद्र सिंह, ग्राम डिहरा निवासी यादराम चौधरी, महराजगंज जिले के घुघली समिति के ग्राम बासपार मिश्र निवासी किसान विजय कुमार मिश्र विडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े रहे. राहुल गाँधी का बड़ा बयान, कहा- चीन के सामने सरेंडर कर चुके हैं पीएम मोदी इसलिए मनाया जाता है विश्व शरणार्थी दिवस, पूरी दुनिया में बसे है 79 करोड़ से भी अधिक रिफ्यूजी ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते जा रहे हमले, चीन पर जताया जा रहा शक