लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अब सीमा विवाद पर मोर्चा संभालने वाले है। भारत और नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद को ख़त्म करने में योगी आदित्यनाथ का महत्वपूर्ण रोल रहेंगा। नेपाल के नेता चीन के बहकावे में आकर इस तरह की हरकत कर रहे हैं, इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ एक बार नेपाल को आगाह भी कर चुके हैं। भारत और नेपाल के बीच चल रहे तनाव को कम करने में यूपी का गोरखनाथ मंदिर अहम भूमिका निभा सकता है। गोरक्षपीठ की नेपाल में जड़ें बहुत गहरी हैं। इस पीठ की वहां पर आम नागरिकों तक पहुंच है। विदेशी मामलों के कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि नेपाल से रिश्ते सुधारने हैं तो इसका एक आसान रास्ता गुरु गोरखनाथ का नाथ पंथ भी हो सकता है। उत्तर प्रदेश के सीएम और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इसमें बड़ा रोल निभा सकते हैं। यह वह मजबूत कड़ी है जिससे बंधकर नेपाल की आवाम और वहां का शासक वर्ग हमसे अलग होने के संबंध में कभी सोच भी नहीं सकता। नेपाल का शाही परिवार गुरु गोरखनाथ को अपना राजगुरु मानता रहा है। नेपाल और नाथ पंथ एक-दूसरे में ऐसे घुले-मिले हुए हैं कि, वहां का शासक वर्ग भले ही कुटिल चाल करने वाले चीन की भाषा बोलने लगा हो, किन्तु नेपाल की आवाम हमेशा भारत के सुर में ही सुर मिलाकर बोलेगी। राष्ट्रीय सिलाई मशीन दिवस पर 'नारायण सेवा संस्थान' के 5 दिव्यांगों ने किया अनोखा काम भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पहली बार 500 अरब डॉलर के पार पहुंचा मार्क जुकरबर्ग की आलोचना करने वाले कर्मचारी को 'Facebook' ने नौकरी से निकाला