खेल मंत्रालय की ओर से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले भारतीय खिलाडिय़ों को आते ही कैश अवार्ड दिए जाने की व्यवस्था है, लेकिन इन खिलाडिय़ों को पदक विजेता बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले उनके कोच अब तक पुरस्कार राशि महरूम हैं. जकार्ता एशियाई खेलों और ब्यूनस आयर्स यूथ ओलंपिक के पदक विजेताओं के प्रशिक्षकों को मंत्रालय की ओर से अब तक उनका कैश अवार्ड नहीं दिया गया है. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार हम आपको बता दें कि इन आयोजनों के अलावा पिछले कुछ वर्षों में कई खेलों में आयोजित विश्व, एशियाई और कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के पदक विजेताओं के प्रशिक्षकों का कैश अवार्ड उनसे दूर है. जंहा जकार्ता में भारत ने 15 स्वर्ण सहित 69 और यूथ ओलंपिक में तीन स्वर्ण सहित 13 पदक जीते थे. इन सभी पदक विजेताओं को मंत्रालय ने हाथों हाथ लिया, लेकिन इनके प्रशिक्षकों का नंबर आज तक नहीं आ पाया. जिन पदक विजेताओं के प्रशिक्षकों को कैश अवार्ड नहीं मिला है उनमें हिमा दास, दुती चंद, तेजिंदर पाल सिंह तूर, अरपिंदर सिंह, जिंसन जॉनसन, मंजीत सिंह, मीराबाई चानू, तीरंदाज अभिषेक वर्मा सहित कई नामी खिलाडिय़ों का नाम शामिल है. पॉलिसी में है कोच को कैश अवार्ड देने की व्यवस्था: जानकारी के लिएव हम आपको बता दें कि मंत्रालय की कैश अवार्ड पॉलिसी में पदक विजेताओं के कोच को कैश अवार्ड दिए जाने की व्यवस्था है. एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेताओं को 30 (स्वर्ण), 20 (रजत), 10 (कांस्य) लाख रुपये मिलते हैं. पदक विजेता के कैश अवार्ड का 50 प्रतिशत कोच को मिलता है. इसमें 30-30 प्रतिशत खिलाड़ी को निखारने और विकसित करने वाले कोच के लिए है, जबकि 40 प्रतिशत बीते दो वर्ष में (180 दिन) नेशनल कैंप में रहकर कोचिंग देने वाले के लिए निर्धारित हैं. बांग्लादेश: इस तीरंदाज ने तीसरे गोल्ड पर साधा निशाना, घर से भागकर ली थी ट्रेनिंग SAG 2019: आठवें दिन भारतीय खिलाड़ियों ने जीते 46 मेडल, पदकों की संख्या 300 के पास पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी नासिर जमशेद ने स्वीकारी मैच फिक्सिंग की बात