नई दिल्ली : विद्यार्थियों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी कराने के लिए ट्यूशन सेवा केंद्रों के लिए यह बुरी खबर है कि अब उन्हें अपनी सेवाओं के लिए 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ेगा. अथॉरिटी फॉर अडवांस रूलिंग (एएआर) ने यह व्यवस्था दी है. दरअसल इस विषय को लेकर महाराष्ट्र की एएआर पीठ के समक्ष आई एक याचिका में यह स्पष्ट करने का आग्रह किया गया था कि क्या प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे कोचिंग संस्थान भीजीएसटी के दायरे में आते हैं.इस पर एएआर ने व्यवस्था देते हुए कहा कि कोचिंग सेंटर द्वारा दी जा रही सेवा पर सीजीएसटी कानून के तहत 9% की दर से और एसजीएसटी कानून के तहत 9% की दर से टैक्स लगेगा. कुल मिलाकर 18% जीएसटी लगेगा. उल्लेखनीय है कि यह मामला आवेदक ‘सिंपल शुक्ला ट्यूटोरियल्स’ से जुड़ा है जो 11वीं और12वीं के विद्यार्थियों को एमबीबीएस से जुड़ी प्रवेश परीक्षा की तैयारी में मदद करता है.आवेदक ने तर्क दिया था कि कोचिंग संस्थान भी शिक्षण संस्थान हैं इसलिए उन्हें जीएसटी से छूट मिलती है.जीएसटी में शिक्षण संस्थानों द्वारा अपने विद्यार्थियों, फैकल्टी व स्टाफ को दी जाने वाली सेवाओं को शुल्क से छूट दी गई है.कानून में ऐसे शिक्षण संस्थानों के लिए परिभाषा तय है. पहले कोचिंग सेटर्स पर 15 फीसदी सर्विस टैक्स लगता था. यह भी देखें सर्वे में मोदी सरकार पर संतोष जताया फिच ने भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया