देश के 18 पावर प्लांट में ख़त्म हुआ कोयला, जानिए मौजूदा हालात

भारत में कोयले की कमी का खतरा जारी है। रिकॉर्ड तोड़ प्रोडक्शन के पश्चात् भी ऐसी स्थिति बन गई हैं। देश में 135 पावर प्लांट ऐसे हैं, जहां कोयले से बिजली बनाई जाती है तथा सरकार के ही आंकड़े बताते हैं कि इनमें से 18 प्लांट में कोयला पूरा समाप्त हो चुका है, मतलब यहां कोयले का स्टॉक है ही नहीं। केवल 20 प्लांट ऐसे हैं जहां 7 दिन या उससे अधिक का स्टॉक शेष है। 

वही पिछले रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोयले का खतरा होने की बात खारिज कर दी थी। हालांकि, उन्होंने ये बात अवश्य मानी थी कि पहले जहां प्लांट में 17-17 दिन का स्टॉक हुआ करता था, वहां अब 4-5 दिन का ही स्टॉक है। उन्होंने कहा था कि शीघ्र ही इस खतरे को दूर कर लिया जाएगा। वहीं, बिजली मंत्रालय की आंकड़ों की मानें तो 12 अक्टूबर तक भारत में 18 प्लांट ऐसे थे जहां एक भी दिन का स्टॉक नहीं था। वहीं, 26 प्लांट में एक दिन का ही स्टॉक शेष था। जबकि, 5 प्लांट में 7 तथा 15 में ही 7 दिन से अधिक का स्टॉक था।

वही ये हालात तब हो रहे है जब इस वर्ष कोल इंडिया लिमिटेड ने कोयले का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन किया है। खबर के अनुसार, इस वर्ष अगस्त से सितंबर तक कोल इंडिया ने 249।8 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है, जो बीते वर्ष की समान अवधि में हुए उत्पादन से 13।8 मिलियन टन अधिक है। मगर फिर भी ये संकट क्यों? तो इस बारे में सरकार का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के पश्चात् अर्थव्यवस्था में सुधार आया है जिससे बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है। साथ-साथ विदेशों से आने वाले कोयले के दाम बढ़ गए, जिससे आयात प्रभावित हुआ है।

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