इंदौर/ब्यूरो। 9 नवंबर को इंदौर में आयोजित हो रहे कोयला कांक्लेव में केंद्रीय कोयला मंत्री माननीय प्रहलाद जोशी एवं केंद्रीय राज्य कोयला मंत्री राव साहेब पाटील दानवे अपने मंत्रालयों की पूरी टीम के साथ शामिल हो रहे हैं । साथ ही देश की महारत्न कोयला कंपनी कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल एवं उनकी सभी 10 सब्सिडरी कंपनियों के पदाधिकारी इस आयोजन में शामिल हो रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों से कोयला कारोबार से जुड़े व्यक्तियों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भारतीय उद्योग व्यापार मंडल एवं ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के अधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग हुई । मीटिंग में मंत्रालय की ओर से एम नागा राजू एवं अजितेश कुमार शामिल हुए l कोयला मंत्रालय के अनुसार भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कोयला उत्पादन और गैसीकरण परियोजनाओं में अधिक निवेश की आवश्यकता है। विश्व स्तर पर, ऊर्जा की कीमतें, विशेष रूप से जैसे गैस इत्यादि, बढ़ रही हैं। भारत वर्तमान में दुनिया में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य है। वर्तमान सरकार की नीतिगत स्थिरता और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में 41 प्रतिशत की कमी आई है। खनन क्षेत्र के सुधार देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को सही गति प्रदान कर रहे हैं। मंत्रालय कोयले के उपयोग को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक तरीके तलाश रहा है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने कोयला गैसीकरण के लिए छह हजार करोड़ रुपये और अन्वेषण के लिए दो सौ पचास करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है। अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के दौरान ग्यारह राज्यों की 141 खदानों की नीलामी की गयी हैl जीएफआईडी की ओर से विभिन्न कोल माइन ऑनर्स ,ब्रोकर्स और व्यापारियों को आमंत्रण भेजा गया हैl 'अगले सप्ताह बड़ा ऐलान करूँगा..', अमेरिका के मध्यावधि चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रम्प का बड़ा बयान 'अपने लिए ताबूत तैयार रखो,' RSS नेता हत्या मामले की जांच कर रहे अधिकारी को मिली धमकी आरिफ और शब्बीर के जरिए भारत में आतंक फैलाने की कोशिश में दाऊद, 4 साल में मुंबई भेजे 13 करोड़