नई दिल्ली: 300 से अधिक एम्प्लोयी वाली कंपनी सरकार से स्वीकृति लिए बगैर कर्मियों की जब चाहे छंटनी कर सकेगी। श्रम मंत्रालय ने इसके लिए नियमों में संशोधन करने वाला औद्योगिक संबंध संहिता-2020 विधेयक शनिवार को लोकसभा में पेश कर दिया है। श्रममंत्री संतोष गंगवार ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के विरोध के बीच गत वर्ष पेश किए गए विधेयकों को वापस लेते हुए व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थिति संहिता-2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 भी लोकसभा के पटल पर रखा। श्रममंत्री के अनुसार, 29 से अधिक श्रम कानूनों को चार संहिता में शामिल किया गया है। संसद ने पिछले सत्र में इनमें से एक मजदूरी संहिता, 2019 विधेयक पास हुआ था। सरकार ने विभिन्न हितधारकों से बिलों को लेकर लंबी चर्चा की और करीब छह हजार से अधिक सुझाव मिले हैं। इन बिलों को स्थायी समिति के पास भेजा गया था और समिति ने 233 सिफारिशों में से 174 को मंजूर किया था। औद्योगिक संबंध संहिता-2020 के छंटनी वाले प्रावधान पर श्रम मंत्रालय और कर्मचारी संगठनों के बीच मतभेद उभरा था। संगठनों के विरोध के चलते 2019 के बिल में यह प्रावधान नहीं किया गया था। अब तक के प्रावधान के अनुसार, 100 से कम कर्मचारी वाले औद्योगिक प्रतिष्ठान या संस्थान ही सरकारी इजाजत के बिना कर्मचारियों को रख और हटा सकते थे। कृषि बिल: केंद्र पर राहुल का वार- किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रही मोदी सरकार ऑस्ट्रेलिया के इस शहर में कोरोना ने पकड़ी रफ़्तार, सामने आये नए मामले विपक्षी नेता नवलनी की हालत में आया सुधार