झारखंड में पुलिस और कोयला माफिया में सांठगांठ, हाई कोर्ट ने CBI को सौंपी जांच

रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने 3 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण फैसले में धनबाद में कोयला माफिया और पुलिस के बीच कथित सांठगांठ की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने का आदेश दिया। यह फैसला एक पत्रकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसने आरोप लगाया था कि एक पुलिस अधिकारी को कोयला माफिया से जुड़े अवैध खनन और बिक्री में शामिल किया गया है। इस अधिकारी पर अन्य गंभीर आरोप भी हैं, जिसके चलते उसे हिरासत में लिया गया था।

न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश दिया और इसे केंद्रीय एजेंसी से जांच योग्य मामला बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाद में दायर की गई याचिका अनुचित है, और इस मामले में कोयला माफिया और पुलिस अधिकारी के बीच के गठजोड़ की जांच जरूरी है। इस बीच, अदालत के इस फैसले का समर्थन करते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि धनबाद में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है, जिसमें कुछ अधिकारियों की पोस्टिंग पर भी सवाल उठे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले से राज्य को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है और इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।

मरांडी ने मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी निशाना साधा, आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया जा रहा है और सरकार ने इस मामले को सही तरीके से नहीं संभाला। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। इसके अलावा, भाजपा के नेता मरांडी ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी ने लंबे समय से धनबाद में अवैध खनन और कोयला चोरी के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था, लेकिन सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया।

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