रंग भी लगा सकते है आग

क्या आप जानते है होली पर मिलने वाले केमिकल युक्त स्पे्र में काफी सारी ज्वलनशील पदार्थ जो हमें बेहद भयंकर नुकसान पहुंचाते हैं. जैसे आंखों की पुतली पर गहरा असर, अंधा कर देना, आंतों में सूजन, स्प्रे में सिंथेटिक सामग्री का होना कैंसर, सांस की बीमारी, दम घुटने जैसे भयंकर परिणाम भी दे सकता है.

सिर दर्द होना, उल्टी आ जाना, सांस की बीमारी होना, रंगों और केमिकल के प्रयोग से इसी तरह की बीमारी हो जाती है. इसके अलावा त्वचा संबंधित बीमारियां भी हो जाती है. इसलिए होली संभलकर खेलनी चाहिए.जांच करने के बाद यह सच सामने आया कि ब्रांड के नाम पर बिकने वाले गुलाल भी सेफ नहीं होते. सभी गुलाल की जांच के बाद पता लगा कि उसमें क्या क्या मिक्स है. इनमें सबसे ज्यादा चंदन और टेसू मिलावटी है.

जहां वायु का आगमन न हो या फिर बंद कमरे में स्प्रे का ज्यादा देर तक यूज करना या स्प्रे को लगाकर ज्यादा देर तक बैठना सांस की बीमारी और दम भी घोट सकता है.इनमें 90 प्रतिशत ज्वलनशील पदार्थ मौजूद होते हैं.

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