गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. इस बार जीएसटी प्रमुख मुद्दा है . इस पर विभिन्न लोगों से राय मांगी गई .जिनमें व्यवस्थाओं के प्रति आक्रोश तो दिखा , फिर भी रुख सरकार के पक्ष में दिखाई दिया. आइये देखते हैं क्या थीं मिली -जुली प्रतिक्रिया. बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में चरखा बनाकर बेचने वाले नरेश राठौर ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से उन्हें माल भेजने में दिक्कत हो रही है. क्योंकि ट्रांसपोर्ट वाले जीएसटी बिल मांगते है.राज्य में रोजाना कमाकर खाने वाले मध्यम वर्ग के लोगों की जो कमर टूटी है, उसके लिए उन्हें बदलाव चाहिए.वहीँ एक अन्य दुकानदार भवानीभाई ने कहा कि जीएसटी से छोटे दुकानदारों को तकलीफ हो रही है लेकिन ये भी कहा कि फिर भी वोट इस बार बीजेपी को ही देंगे. वहीँ दूसरी ओर 20 वर्षीय पायल धावल गुजरात के राजकोट की गृहिणी हैं .उनका कहना है कि सरकार बड़े-बड़े वादे करती है लेकिन उनके आसपास के छोटी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है.हमारी सोसाइटी 40 साल पुरानी है. लेकिन हमारे यहां पानी की छोटी-सी पाइपलाइन की समस्या ज्यों की त्यों है .उन्होंने उसी नेता को वोट देने की बात कही जो इन छोटी-छोटी परेशानियों को खत्म कर दे . गुजरात के गांधीनगर में रेडीमेड कपड़ों के व्यापारी प्रकाश ठाकोर ने कहा कि कपड़ा बहुत महंगा हो गया है, लोग भाव सुनकर भाग जाते हैं.राज्य के लोग मौजूदा बीजेपी सरकार से परेशान हो चुके है. दावल सिंह ठाकोर ने पुलिस की गुंडागर्दी और नेताओं की ताकत पर सवाल उठाए .उन्होंने गुजरात में शराब की बिक्री पर भी चिंता जताई . यह भी देखें सीएम रुपाणी ने अहमद पटेल को आरोपों में घेरा 14 दिसम्बर को आएँगे एक्जिट पोल के नतीजे