'बाहर निकल, आज तेरा सामूहिक बलात्कार करेंगे..', पुलिस के सामने खींचकर ले जाते हैं TMC के गुंडे, पीड़िताओं की बातें सुन काँप गए गवर्नर

कोलकाता: केरल में अपनी यात्रा को आधे में ही छोड़कर संदेशखाली पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि उन्होंने हिंसा प्रभावित गांव में जो देखा वह "भयानक,, चौंकाने वाला" और उनकी इंद्रियों को "तोड़ने वाला" था। गवर्नर बोस ने कहा कि, “मैंने जो देखा वह भयानक रूप से चौंकाने वाला था, मेरी इंद्रियों को चकनाचूर कर देने वाला था। मैंने कुछ ऐसा देखा जो मुझे कभी नहीं देखना चाहिए था। मैंने बहुत सी बातें सुनीं, जो मुझे कभी नहीं सुननी चाहिए थीं। यदि आपके आंसू हैं, तो यही समय है उन आंसुओं को बहाने का। यदि तुम्हें आहें भरनी हैं, तो अभी निकालो। मानव जीवन कितना भयानक है, जहां कानून अपना काम नहीं कर सकता।' 

आनंद बोस ने कहा कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि जिस राज्य में रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म हुआ, वहां इतनी भयानक घटना हो सकती है। गवर्नर ने कहा कि, 'जब मैंने वहां अपनी माताओं और बहनों की बात सुनी, तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि कवि गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर के यहाँ ऐसा हो सकता है। एक ख़ुशहाल घर, पति-पत्नी, बड़े हो चुके बच्चों जिनमें लड़कियाँ भी शामिल हैं, की कल्पना करें। कुछ गुंडे घर के अंदर आते हैं, बच्ची को पकड़ लेते हैं, पति के सामने पत्नी से मारपीट करते हैं और पति को पीटते हैं, यह कोई कल्पना नहीं है। मुझे बताया गया कि पिछले कुछ दिनों में इस गांव में यही हुआ है।' 

 

गवर्नर ने कहा कि उन्हें संविधान के तहत और देश के कानून के तहत इस तरह के अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहिए। वे (ग्रामीण) जानते हैं कि यह किसने किया। वे गुंडों को जानते हैं, गुंडे बड़े पैमाने पर हैं। यह कहीं भी सभ्य संवेदनाओं को झकझोर देता है। ऐसा कभी नहीं हो सकता। हमें संविधान के तहत इसका मुकाबला करना चाहिए। मैं संविधान के तहत इससे लड़ूंगा। मैं देश के कानून के दायरे में रहकर इसका मुकाबला करूंगा। मैं राज्य की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार के साथ इसका मुकाबला करूंगा। निश्चित रूप से, हम यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि दोषियों को सजा मिले।'' राज्यपाल ने कहा कि यह समाज के लिए शर्मनाक है कि हिंसा का ऐसा कृत्य प्राधिकार द्वारा अनियंत्रित हो जाता है।

गवर्नर ने संदेशखाली की यात्रा के बाद कहा कि, 'महिलाओं में आत्मविश्वास बहाल किया जाना चाहिए। एक ऐसा समाज जो अपनी महिलाओं को उनके हाल पर छोड़ देता है। अगर महिलाओं को बड़ी संख्या में अपने घरों से बाहर आना पड़ा और अधिकारियों द्वारा अनियंत्रित रूप से चलने वाले इस भयानक अपराध के खिलाफ विरोध करना पड़ा, तो यह हमारे लिए और पूरे समाज के लिए शर्म की बात है। बंगाल जैसे सभ्य राज्य में ऐसा नहीं होना चाहिए।' राजभवन ने कहा कि राज्यपाल ने पहले राज्य सरकार को 9 फरवरी को संदेशखाली में हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।  

संदेशखाली में क्या हो रहा ?

बता दें कि, राशन घोटाले में फरार TMC नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय लोगों, विशेषकर महिलाओं ने हाथों में चप्पलें लेकर संदेशखाली के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया है। शाहजहां शेख, तलाशी लेने पहुंची ED की टीम पर हमले के बाद से फरार है। बंगाल पुलिस भी उसका कोई पता नहीं लगा पाई है। अब TMC नेता शाहजहां शेख के जाने के बाद इन महिलाओं की थोड़ी हिम्मत बढ़ी है और वे सड़कों पर उतरकर न्याय मांग रहीं हैं।

 

प्रदर्शन कर रहीं सैकड़ों महिलाओं का कहना है कि शाहजहां शेख और उसके गुंडे उनका यौन शोषण करते हैं, घरों से महिलाओं को उठा ले जाते हैं और मन भरने पर छोड़ जाते हैं। महिलाओं का कहना है कि, यहाँ रेप और गैंगरेप आम बात है। TMC के गुंडे अपनी महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते, उन्हें अकेले मीटिंग में बुलाते हैं, धमकी देते हैं कि नहीं आई तो तुम्हारे पति को मार डालेंगे। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि, उन्हें (TMC के गुंडों को) जो भी महिला पसंद आ गई, उसे वो घर से उठा ले जाते हैं और रात भर भोगकर, सुबह घर भेज देते हैं। पश्चिम बंगाल की पुलिस TMC के गुंडों की ढाल बन जाती और पीड़ितों को ही दबाती है। एक महिला ने तो मीडिया से बात करते हुए यहाँ तक दावा किया था कि, TMC के गुंडे घरों के सामने आकर कहते हैं कि 'बाहर निकल आज तेरे साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे।' ये कहते हुए गुंडे उसे पति और पुलिस के सामने खींच कर ले गए, लेकिन कोई नहीं बचा सका। 

 

अब शाहजहां शेख के फरार होने के बाद ये महिलाएं आवाज़ उठाने लगी हैं तो बंगाल पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी है। मीडिया को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है। यहाँ तक कि, गवर्नर जब उन पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहे थे, तो TMC वर्कर्स ने केंद्र सरकार के विरोध के नाम पर उनका काफिला भी रोक दिया था। किसी तरह गवर्नर यहाँ पीड़िताओं से मिलने पहुँच पाए और उनकी बातें सुनीं, लेकिन एक्शन तो बंगाल पुलिस को लेना है, जो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC सरकार के आधीन है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि, जो बंगाल पुलिस अब तक ED अधिकारीयों पर हमला करके फरार हुए TMC नेता शाहजहां शेख को नहीं ढूंढ पाई है, उसके खिलाफ आवाज़ उठा रही पीड़ित महिलाओं को दबा रही है, क्या उससे इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है ?

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