नई दिल्ली : काफी समय से यह सुनने में आ रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के बीच गैस विवाद का मामला उलझता ही जा रहा है. और अब इसको लेकर यह बात सामने आ रही है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि यह कमेटी इस विवाद को लेकर सरकारी कंपनी ओएनजीसी को मुआवजे के संबंध में सिफारिश करने वाली है. गौरतलब है कि इस मामले में जो रिपोर्ट सामने आई उसमे यह लिखा हुआ था कि कुछ समय पहल बंगाल की खाड़ी के कृष्णा-गोदावरी बेसिन में ओएनजीसी के परियोजना सेक्टर से गैस का खिसकना शुरू हुआ था और यह खिसक कर पास ही लगे हुए रिलायंस कम्पनी के गैस क्षेत्र में पहुँच गई थी. जिसको लेकर बाद में विवाद बहुत अधिक गहरा गया. इसके बाद अमेरिकी सलाहकार फर्म डीएंडएम की एक अंतिम रिपोर्ट भी सामने आई जिसके बाद ही अब कमेटी का गठन भी किया गया. इसको लेकर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का यह बयान सामने आया है कि, "इस कमेटी का गठन विधि आयोग के चेयरमैन एपी शाह की अध्यक्षता किया गया है और कमेटी रिपोर्ट की पूर्ण समीक्षा के बाद ही सरकार से सिफारिश करेगी." साथ ही बयान से यह बात भी सामने आई है कि कमेटी यह रिपोर्ट अगले तीन महीनो में सौंपने वाली है. जानकारी में ही यह बात भी सामने आई है कि यह मामला 11,000 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है.