स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति पर फहराया इस्लामिक झंडा, भड़का दंगा और इंटरनेट बंद

जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर में ईद (Eid 2022) से पहले बीते सोमवार देर रात दो समुदाय के लोग आमने सामने आ गए और उनके बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा है जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर दो गुटों में स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति पर इस्लामिक झंडा फहराने की बात को लेकर विवाद शुरू हुआ, और उसके बाद यह विवाद बढ़ते-बढ़ते पत्थरबाजी तक पहुंच गया। इस दौरान पत्थरबाजी में कई लोग चोटिल हुए हैं। जैसे ही इस घटना की सूचना मिली वैसे ही कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंच गई और तुरंत भीड़ को वहां से खदेड़ दिया।

इसी के साथ ही जहां विवाद हुआ था उस चौराहे को बंद कर दिया। बताया जा रहा है इस दौरान भीड़ को खदेड़ने में लगी पुलिस पर भी एक समुदाय की ओर से पथराव (Stone pelting on Police) किया गया। अब इस समय यहाँ पूरे शहर में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और पुलिस ने सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) के साथ लोगों से त्योहार मनाने की अपील की है। केवल यही नहीं बल्कि इस इलाके में तनाव को देखते हुए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। जी दरअसल, जोधपुर में इन दिनों तीन दिवसीय परशुराम जयंती महोत्सव चल रहा है और उसी कड़ी में जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकंद की बिस्सा के चौराहे पर भगवा ध्वज फहराए हुए थे, जिसको लेकर प्रशासन ने ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर बीते सोमवार को दोपहर में भगवा ध्वज उतरवा लिए थे, लेकिन रात होते-होते अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी के प्रतिमा पर चढ़कर ध्वजा लगाकर उनके चेहरे को टेप से ढक दिया था।

इसी बात को लेकर स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा के रिश्तेदार और अन्य लोगों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से इस्लामिक ध्वजा उतारने को बोला तभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिंदू संगठनों के लोगों पर हमला कर दिया और बुरी तरह से उन्हें पीटा। यह सब होने के बाद हिंदू संगठनों के लोग बचने के लिए पास स्थित पुलिस चौकी में पहुंचे, हालाँकि मुस्लिम भीड़ ने पुलिस चौकी में ही तोड़फोड़ कर दी और हिंदू संगठनों के लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। वहीं दूसरी तरफ इस सारे घटनाक्रम के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिस उनके आगे बेबस नजर आई।

वहीं बाद में कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल और दोनों डीसीपी मौके पर पहुंचे। हालाँकि तब तक पूरे शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई थी कि जालौरी गेट चौराहे पर हिंदू-मुस्लिम का दंगा हो चुका है और दोनों ही पक्षों के लोग जालौरी गेट पहुंचने शुरू हो गए। इस दौरान बिना किसी उच्च अधिकारी के आदेश के उदय मंदिर थाना अधिकारी अमित सिहाग ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया और कई पत्रकारों को भी निशाना बनाकर पीटा गया। बताया जा रहा है लाठीचार्ज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग सैकड़ों की संख्या में जालौरी गेट चौराहे की तरफ बढ़े और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

वहीं इसके साथ ही उन्हें रास्ते में जो भी मिला उनके साथ मारपीट शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, जिसके बाद स्थिति थोड़ी शांत हुई। हालाँकि यह सब होने के बाद मुस्लिम वर्ग के काजी साहब ने लोगों को समझाकर मामला सुलझाने का प्रयास किया।

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