सोनिया गांधी की चिट्ठी से महाराष्ट्र सरकार में टकराव, कांग्रेस को पड़ सकती है भारी

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे लेटर ने नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की भौंवे चढ़ा दी हैं। सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे को लेटर लिखकर सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों से किए वादे पूरे करने की मांग की है। ये बात अब महाराष्ट्र में तीसरे मददगार नेशनल कांग्रेस पार्टी को पसंद नहीं आ रही है। एनसीपी के बदले रुख को देखते हुए कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि सोनिया गांधी के लेटर को बातचीत के रूप में देखा जाना चाहिए न कि टकराव के तौर पर। एनसीपी के तेवर को देखते हुए ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

वही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से कहा है कि राज्य में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिए आबादी के रेश्यो में बजट का आवंटन करने सहित चार सूत्री पहल की जाए। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी दलित, वंचित और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में सम्मिलित होने की वजह से हम इन श्रेणियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी के लिए अधिक सजग हैं।

महाराष्ट्र की सियासत को लेकर इसलिए भी सुगबुगाहट तेज हो गई है क्योंकि एक साथ मिलकर सरकार चला रहीं शिवसेना, एनसीपी तथा कांग्रेस ने जनवरी में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों में भिन्न-भिन्न चुनाव लड़ने की घोषणा की है। आपको बता दें कि इससे पूर्व उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया था कि महाराष्ट्र में विकास अघाड़ी गठबंधन अब हर चुनाव एक साथ ही लड़ा करेगा।

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