नई दिल्ली : नोटबंदी के नौ महीने बाद रिज़र्व बैंक द्वारा पुराने नोटों की वापसी के बारे में जो जवाब आया है उसने विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका दे दिया है.रिजर्व बैंक ने बताया है कि नोटबंदी में रद्द हुए 99 फीसदी नोट वापस आ चुके हैं.इस मुद्दे पर विपक्ष ने नोटबंदी पर फिर से सवाल खड़े किये हैं. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 30 जून तक कुल 15 लाख 28 हज़ार करोड़ रुपये के पांच सौ और हज़ार रुपये के पुराने नोट वापस आए हैं, जबकि कुल नोटों की कीमत 15 लाख 44 हज़ार करोड़ थी. अर्थात सिर्फ 16 हज़ार करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस नहीं आए.जबकि इसमें सहकारी बैंकों में और नेपाल में जमा कराए गए नोट शामिल नहीं हैं. बता दें कि इस मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा कि नोटबंदी भयानक रूप से नाकाम रही है. इससे कई बेगुनाहों की जानें गईं और अर्थव्यवस्था तबाह हो गई. क्या प्रधानमंत्री इसकी जिम्मेदारी लेंगे. वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस परिणाम पर ट्विटर पर लिखा कि 16 हज़ार करोड़ रुपये नहीं लौटे, नोटबंदी की सिफारिश करने वाले RBI के लिए ये शर्मनाक है. 99 फीसदी नोट कानूनी तरीके से बदल दिए गए. तो क्या नोटबंदी की योजना कालेधन को सफेद करने के लिए थी. उन्होंने व्यंग्य में लिखा कि ऐसे अर्थशास्त्री को तो नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए. जबकि दूसरी ओर सरकार ने कहा कि नोटबंदी के कारण करीब दो लाख फर्जी कंपनियां पकड़ में आई . नगद लेन देन कम हुआ और डिजिटल ट्रांजैक्शन में वृद्धि हुई .पिछले साल के मुकाबले कैश ट्रांजैक्शन में एक लाख 89 हज़ार 200 करोड़ रुपये की कमी आई और 56 लाख नए करदाता भी जुड़े. रिजर्व बैंक द्वारा जो आंकड़े पेश किए हैं उससे तो यही लग रहा है कि नोटबंदी से विशेष लाभ नहीं हुआ . यह भी देखें RBI ने जारी किया 500 का नया नोट RBI ने निकली वैकेंसी