'कांग्रेस ने मुस्लिमों-दलितों को धोखा दिया..', 3 बार के विधायक अनीस अहमद ने छोड़ी पार्टी

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी में नाराजगी उभर कर सामने आ रही है, खासकर मुस्लिम समुदाय के नेताओं में। पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक अनीस अहमद ने कांग्रेस छोड़कर वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) का दामन थाम लिया है। उनका आरोप है कि कांग्रेस ने मुसलमानों, दलितों, तेलियों, मछुआरों और हिंदी भाषी आबादी के साथ अन्याय किया है। अहमद ने दावा किया कि कांग्रेस ने इन समुदायों के साथ धोखा किया और पार्टी पर पक्षपात का आरोप लगाया।

अहमद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि लोकसभा चुनावों में जिन मुसलमानों और दलितों ने कांग्रेस का समर्थन किया, वे अब टिकट वितरण के बाद ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र की तुलना हरियाणा से करते हुए कहा कि जिस तरह हरियाणा में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की थी, उसी तरह के नतीजे महाराष्ट्र में भी देखने को मिल सकते हैं।  अहमद का मानना है कि मुसलमान और दलित अब कांग्रेस से दूर हो गए हैं और वे तीसरे मोर्चे के लिए मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में बगावत का असर दिख रहा है और वीबीए के गठबंधन में दलित, मुस्लिम, और बहुजन समुदायों की एकता का नया फॉर्मूला उभर कर सामने आ सकता है।

अनीस अहमद ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें राज्यसभा सीट का वादा किया गया था, लेकिन पार्टी ने महाराष्ट्र कोटे से इमरान प्रतापगढ़ी को नामांकित कर दिया, जो उत्तर प्रदेश से हैं। उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए गुलाम नबी आजाद जैसे बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने का भी जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस में अब आत्ममंथन की जरूरत है।

चालीस साल तक कांग्रेस से जुड़े रहे अनीस अहमद, नागपुर सेंट्रल से उम्मीदवार न बनाए जाने के कारण नाराज थे। उनका कहना है कि चुनाव से पहले कांग्रेस की लहर खत्म हो चुकी है और कई समुदायों में असंतोष की स्थिति है। महाराष्ट्र में एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।

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