उद्धव के दबाव में झुकी कांग्रेस..! अपने ही उम्मीदवारों के साथ कर दिया गेम

मुंबई: महाराष्ट्र में नामांकन वापसी की अंतिम तिथि समाप्त होते ही कांग्रेस ने अपने ही कुछ उम्मीदवारों को नामांकन प्रक्रिया में मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने शिवसेना (उद्धव) के दबाव में यह कदम उठाया। कांग्रेस ने पहले 110 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवारों का नामांकन दाखिल करवाया था, लेकिन शिवसेना (उद्धव) के विरोध के बाद कांग्रेस ने अपने ही उम्मीदवारों का चुनाव चिह्न वापस ले लिया, जिससे उनके नामांकन रद्द हो गए।

नासिक सेंट्रल से कांग्रेस के उम्मीदवार गुलाम गौस और हेमलता निनाद पाटिल इस स्थिति के शिकार बने। उन्होंने कांग्रेस के सिंबल पर नामांकन दाखिल किया था, लेकिन बी-फॉर्म न मिलने के कारण उनका नामांकन रद्द हो गया। यहां शिवसेना (उद्धव) के गिते वसंत निर्वुती मैदान में हैं और उनका मुकाबला बीजेपी की देवयानी सुभाष फरांडे से होगा।

रामटेक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र मूलक के साथ भी यही हुआ। उन्होंने कांग्रेस के चिह्न पर पर्चा दाखिल किया था, लेकिन बी-फॉर्म न मिलने से उनका नामांकन भी रद्द हो गया। हालांकि, उन्होंने एक निर्दलीय फॉर्म भी दाखिल किया था, जिससे वे बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे। यहां शिवसेना (उद्धव) के विशाल बरबेटे का सामना शिंदे गुट के आशीष जायसवाल से होगा। कांग्रेस इस सीट पर अपनी दावेदारी लंबे समय से जताती आ रही थी।

बांद्रा ईस्ट से कांग्रेस के अर्जुन राजपति सिंह का नामांकन भी बी-फॉर्म न मिलने के कारण रद्द हो गया। इस सीट पर शिवसेना (उद्धव) के वरुण सरदेसाई मैदान में हैं। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में यह मामला तब उभरा जब शिवसेना (उद्धव) के नेता संजय राउत ने कांग्रेस के अधिक उम्मीदवार उतारने पर आपत्ति जताई। राउत ने कहा कि 90% सीटों पर सहमति बन गई थी, लेकिन 10% सीटों पर नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के सिद्धांतों का पालन करते हुए उन सीटों पर उम्मीदवार उतारना नुकसानदेह हो सकता है, जैसा कि सांगली लोकसभा चुनाव में देखा गया था, जब कांग्रेस के बागी प्रत्याशी के कारण शिवसेना (उद्धव) तीसरे स्थान पर पहुंच गई थी।

इस बार महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है। कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार), शिवसेना (उद्धव), और समाजवादी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने अब तक 102 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि शिवसेना (उद्धव) ने 90 से अधिक और एनसीपी ने 88 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिली हैं।

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