श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की कैंपेन कमिटी और सियासी मामलों की समिति से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि उन्होंने पहले ही यह बात कह दी थी। गुलाम नबी आजाद के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) से कहा था कि उन्हें जम्मू कश्मीर की प्रदेश इकाई में कोई पद न दें। गुलाम नबी आजाद को पार्टी की तरफ से बीते दिनों राज्यसभा नहीं भेजा गया था और उसी समय से ये कयास लगने लगे थे कि उन्हें किनारे लगा दिया गया है। हालांकि पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर को लेकर हुई बैठकों में गुलाम नबी आजाद को भी निमंत्रण भेजा गया था। गुलाम नबी आजाद के समर्थकों का कहना है कि भले ही उन्हें कश्मीर के मामलों को लेकर बुलाया गया और बैठक हुई है। उन्हें पद भी दिया गया, मगर यह उन्हें प्रमोशन देने की जगह डिमोशन करने जैसा था। ऐसे में गुलाम नबी आजाद ने उन पदों से त्यागपत्र ही दे दिया। बता दें कि, कांग्रेस द्वारा अपमान किए जाने के बाद गुलाम नबी आजाद के बाद उनके कई समर्थकों ने भी पद से इस्तीफे दे दिए हैं। बताया जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद ने अपने फैसले के संबंध में एक पत्र लिखकर सोनिया गांधी को बता दिया था। उन्होंने सांगठनिक और व्यकितगत कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया था। आजाद के समर्थकों का कहना है कि पर्याप्त चर्चा के बगैर ही पैनल गठित कर दिए गए और कई योग्य लोगों को छोड़ दिया गया। 'ऐसे विधायकों को मंत्री बनाया जिनके नाम से लोग कांपते हैं', CM नीतीश पर मोदी ने बोला जमकर हमला 'न्याय नहीं मिला तो समर्थन वापस ले लेंगे..', दलित छात्र की मौत पर गहलोत सरकार को गुढ़ा की धमकी महिलाओं को लेकर मोहन भागवत ने दिया ये बड़ा बयान