'हमारा कोई लेना-देना नहीं..', IT छापों में मिले कांग्रेस सांसद धीरज साहू के '300 करोड़ कैश' से पार्टी हाईकमान ने झाड़ा पल्ला

रांची: आयकर विभाग के छापों में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के पास से 300 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बेहिसाब नकदी का खुलासा होने के बाद, कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक तौर पर पार्टी नेता के व्यापारिक सौदों से खुद को दूर कर लिया है। कांग्रेस पार्टी के संचार मामलों के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का झारखंड से उसके राज्यसभा सांसद द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों से कोई संबंध नहीं है। 

 

रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि केवल मामले के आरोपी धीरज साहू ही उनकी संपत्तियों से कथित तौर पर जब्त की गई पर्याप्त मात्रा में नकदी के बारे में स्पष्टीकरण दे सकते हैं। उन्होंने साहू से धन का स्रोत स्पष्ट करने को कहा। इस संदेश को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में व्यक्त करने वाली एक पोस्ट में कहा गया है कि, "सांसद धीरज साहू के बिज़नेस से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ़ वही बता सकते हैं, और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए, कि कैसे आयकर अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया जा रहा है।''

बता दें कि, चार दिनों तक चली छापेमारी हाल ही में समाप्त हुई और जब्ती की कुल राशि बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि अतिरिक्त नकदी की गिनती अभी बाकी है। खुफिया जानकारी से पता चलता है कि अन्य स्थानों पर और अधिक छुपाई गई नकदी हो सकती है। इसके अलावा, टैक्स अधिकारियों को सोने के आभूषणों से भरा एक बैग भी मिला है, जिसे भी जब्त कर लिया गया है। 9 दिसंबर को, कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़ी ओडिशा और झारखंड की संपत्तियों पर कर निरीक्षण जारी रहा। 6 दिसंबर को शुरू की गई जांच में 200 करोड़ रुपये से लेकर 300 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित धनराशि का पता चला। आयकर टीम ने साहू के रांची स्थित परिसर से तीन और बैग जब्त किये। 

बोलांगीर में भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक भगत बेहेरिया ने बताया कि बैंक को पैसों से भरे कुल 176 बैग मिले हैं. करेंसी नोटों की गिनती अभी भी जारी है, इस कार्य के लिए 50 कर्मचारी और 25 गिनती मशीनें तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए और अधिक कर्मियों को शामिल किया जाएगा। आईटी अधिकारियों ने एमपी की बौध डिस्टिलरी, उसके संबद्ध कार्यालयों, बलदेव साहू इंफ्रा (बौध डिस्टिलरी से जुड़ी) और ओडिशा और झारखंड में उसी डिस्टिलरी के स्वामित्व वाली एक चावल मिल से जुड़े स्थानों पर छापे मारे। 

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, '"देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के 'भाषणों' को सुनें... जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है।"

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