नई दिल्ली: मानसून सत्र के पहले दिन ही मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर करने के बाद देश का राजनीतिक माहौल गरमा गया है.सभी पार्टियों के नेता व् प्रवक्ता इस मुद्दे पर अपनी अपनी राय रख रहे हैं. इसपर बहस के लिए शुक्रवार 20 जुलाई का दिन चुना गया है. लेकिन इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र में एकजुट दिखाई देती बीजेपी और शिवसेना में कुछ दरारें पड़ती दिखाई दे रही है. जानिए आखिर है क्या अविश्वास प्रस्ताव? जहाँ भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि शिवसेना, अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेगी. वहीँ शिवसेना से सांसद संजय राउत का कहना है कि शिवसेना, अनंत कुमार के निर्देशों पर नहीं चलती, हम वही करेंगे जो उद्धव ठाकरे हमसे कहेंगे. इसके बाद आज ही कांग्रेस ने लोकसभा में मॉब लिंचिंग के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव दिया है. कांग्रेस पार्टी ने भीड़ द्वारा लोगों की हत्या और मंदसौर में पुलिस द्वारा किसानों पर की गई फायरिंग के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव दिया है. अविश्वास प्रस्ताव पर रस्साकशी, 20 जुलाई को बताया जा रहा है कि आज सत्र के दूसरे दिन गौ-रक्षकों से जुड़े घटनाक्रम, किसानों के प्रदर्शन, कश्मीर में तनाव, कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर कानून अनुपालन एजेंसियों की कार्रवाई, सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ जारी गतिरोध जैसे मुद्दे उठेंगे और विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा. यह भी देखें:- संसद के मानसून सत्र में वेंकैया ने किये दस भाषा में संवाद