नई दिल्ली: आज मंगलवार (23 जुलाई) को निर्मला सीतारमण द्वारा 2024 के लिए बजट प्रस्ताव की रूपरेखा प्रस्तुत किए जाने पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। केंद्र सरकार के चुनाव के बाद के पहले बजट में रोजगार सृजन और ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया और साथ ही किसानों और आदिवासियों के लिए बड़े ऐलान किए गए। इसको लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने तंज कसते हुए कहा कि, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस का लोकसभा घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पेज 30 पर उल्लिखित रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन को वस्तुतः अपना लिया है। मुझे यह भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पेज 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु को भत्ते के साथ प्रशिक्षुता योजना शुरू की है। मैं चाहता हूं कि वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती।" कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने भी आरोप लगाया कि इंटर्नशिप योजना को भाजपा ने मनमाने लक्ष्यों के साथ 'सुर्खियाँ बटोरने' के लिए संपादित किया है - जैसे कि 1 करोड़ इंटर्नशिप का वादा। उन्होंने जवाब दिया कि कांग्रेस ने सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए एक कार्यक्रमगत गारंटी का वादा किया था। मंगलवार को सीतारमण ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं, जहां फिलहाल भाजपा की सहयोगी पार्टियां शासन कर रही हैं। इसमें बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और विशेष वित्तीय सहायता शामिल है। हालांकि, विपक्ष ने इन घोषणाओं की आलोचना की और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने आवंटन को अपर्याप्त बताया। राजद नेता ने कहा, "राज्य में हत्याएं और चोरियां हो रही हैं। मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और किसानों की समस्याएं बरकरार हैं... बिहार को आवंटित 26,000 करोड़ रुपये एक झुनझुना है।" वित्त मंत्र ने क्या घोषणा की ? निर्मला सीतारमण ने बजट में घोषणा की है कि मोदी सरकार की 5वीं नई योजना के तहत 500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार की इंटर्नशिप योजना से 1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा। साथ ही हर महीने 5 हजार रुपये का इंटर्नशिप भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही जो युवा अपनी इंटर्नशिप पूरी कर लेते हैं उन्हें अलग से 6 हजार रुपये भी प्रदान किए जाएंगे। दरअसल, सरकार का शुरू से जोर पढ़ाई के साथ कौशल विकास पर रहा है, इसके लिए ये योजना लाइ गई है। इससे पहले मोदी सरकार स्किल इंडिया योजना के तहत युवाओं को कौशल प्रदान कर रही है।