जयपुर: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा, 400 पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। नागौर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के साथ पार्टी के गठबंधन से नाराजगी के बीच शुक्रवार (12 अप्रैल) को सामूहिक इस्तीफा हुआ। कांग्रेस नेता तेजपाल मिर्धा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी कार्यकर्ताओं के इस फैसले की जानकारी साझा की। कांग्रेस पार्टी ने नागौर लोकसभा सीट के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के साथ गठबंधन किया है, जिससे यह सीट आरएलपी की उम्मीदवारी के लिए खाली हो गई है। नागौर के मौजूदा सांसद और आरएलपी के नेता हनुमान बेनीवाल इस निर्वाचन क्षेत्र से गठबंधन के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के तीन नेताओं को छह साल के लिए निलंबित किए जाने के बाद कांग्रेस के भीतर हंगामा खड़ा हो गया। बेनीवाल की ओर से दायर शिकायत के आधार पर नेताओं पर नागौर में भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के समर्थन में प्रचार करने का आरोप लगाया गया था। निलंबित व्यक्तियों में पूर्व विधायक भाराराम, कुचेरा नगर पालिका के अध्यक्ष तेजपाल मिर्धा और सुखाराम डोडवाडिया शामिल थे। अपने निलंबन के जवाब में, तीनों ने विरोध स्वरूप कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस नेता तेजपाल मिर्धा ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''विधानसभा चुनाव के दौरान नागौर में कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी। उसने आठ में से चार सीटें जीतीं। लोकसभा चुनाव में भी उसकी स्थिति उतनी ही मजबूत थी। इसके बावजूद आरएलपी के साथ गठबंधन क्यों किया गया।' उन्होंने कहा, “हनुमान बेनीवाल एक उपकरण हैं जो नागौर में कांग्रेस को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति के साथ गठबंधन करने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गहरा सदमा लगा है। इसलिए हम सभी अपना सामूहिक त्याग पत्र दे रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, 'कांग्रेस आलाकमान ने स्थानीय कांग्रेस राज्य इकाई की सहमति के बिना आरएलपी के साथ गठबंधन किया। यह गठबंधन हम पर थोपा गया है। आरएलपी ने पूरे जिले में कांग्रेस को हराने का काम किया था। हमने कभी भी बीजेपी के साथ मंच साझा नहीं किया। फिर भी बेनीवाल ने हमें पार्टी से निकाल दिया। कांग्रेस ने बिना किसी सूचना या कारण बताओ नोटिस के सीधे तुगलकी फरमान जारी कर हमें निष्कासित कर दिया।' तेजपाल मिर्धा ने कहा, ''अब कांग्रेस वह पार्टी नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। यहां एक व्यक्ति अपनी मर्जी और मर्जी से पार्टी चला रहा है। यह संदेश कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचना चाहिए कि पार्टी राजस्थान में खुद को नष्ट कर रही है। राजस्थान में चुनाव दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को होंगे, नागौर में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है। 'तिहाड़ में सुनीता को केजरीवाल से फेस टू फेस मिलने नहीं दिया गया..', AAP सांसद संजय सिंह का दावा किसानों से कम कीमत पर चावल खरीदने वाले मिल मालिकों को सीएम रेवंत रेड्डी ने दी चेतावनी, बोले- होगी कड़ी कार्रवाई 'अगर आज 26/11 जैसा आतंकी हमला होता है तो..', विदेश मंत्री जयशंकर ने खोले कई राज़