नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने का मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गया है। अयोध्या की तर्ज पर तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर में पूजा करने की मांग को लेकर मंगलवार को शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की गई। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने अपनी याचिका में कहा है कि इस मंदिर पर सारे नए नियम कानून लागू नहीं होता क्योंकि यह मंदिर 600 वर्ष पुराना है और इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इस याचिका में डीडीए को इस मामले में पार्टी बनाते हुए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मंदिर निर्माण की और और पूजा करने की इजाजत मांगी है। याचिका में पूजा के अधिकार के लिए अनुच्छेद 21ए का भी हवाला दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत ने कभी मंदिर तोड़ने का आदेश नहीं दिया, बल्कि उसे स्थानांतरित करने की बात कही थी और जिस तरह से मंदिर को ध्वस्त किया गया वह बड़ी साजिश का हिस्सा है। याचिका में कहा गया है कि अदालत अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और मंदिर के निर्माण का आदेश जारी करें। अशोक तंवर ने अपनी याचिका में कई पौराणिक तथ्यों का हवाला दिया गया है। आपको बता दें कि तुगलकाबाद में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने को लेकर दलितों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है और इस मुद्दे पर अब सियासत भी तेज हो गई है। भाजपा नेता का दावा, कहा- आंध्र प्रदेश में चार राजधानी बनाना चाहते हैं सीएम जगन रेड्डी कौन संभालेगा दिल्ली कांग्रेस की कमान ? सोनिया गाँधी के घर पर अहम बैठक आज दिल्लीवासियों को सीएम केजरीवाल का बड़ा तोहफा, अब माफ़ किया पानी का बकाया बिल