नई दिल्ली: दिल्ली की एक कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम सहित 11 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार (5 फ़रवरी) को कहा है कि प्री-ट्रायल कैद को सहन करने वाला क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम संविधान का अनादर है. चिदंबरम ने शीर्ष अदालत से "कानून के दैनिक दुरुपयोग" को खत्म करने का अनुरोध किया है. दरअसल, दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को 2019 के जामिया हिंसा मामले में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा और सफूरा जरगर सहित 11 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया. अदालत ने इस मामले में कहा कि पुलिस ने इन्हें "बलि का बकरा" बनाया था. इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि, 'असंतोष को दबाना नहीं प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.' कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए सवाल किया कि, 'आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत भी हैं?' चिदंबरम ने कहा कि, 'कोर्ट का निष्कर्ष स्पष्ट नहीं है. कुछ आरोपी लगभग तीन वर्षों से जेल में बंद हैं. कुछ को कई महीनों बाद जमानत मिली है. यह प्री-ट्रायल कैद है.' पी चिदंबरम ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा कि, 'अयोग्य पुलिस और अति उत्साही अभियोजक केस से पहले नागरिकों को जेल में रखने के लिए जिम्मेदार हैं. उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?' कांग्रेस नेता ने सवाल किया है कि, 'आरोपी के जेल में गुजारे महीनों या वर्षों को कौन वापस करेगा?' कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा कि, 'हमारी क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम, प्री ट्रायल कारावास को सहन करता है, ये भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का तिरस्कार है. शीर्ष अदालत को कानून के इस दैनिक दुरुपयोग को खत्म करना चाहिए, जितनी जल्दी हो उतना अच्छा है.' क्या था शरजील इमाम का बयान:- वैसे तो शरजील इमाम का भाषण काफी लंबा है, लेकिन हम यहाँ उस हिस्से को पाठकों के समक्ष रख रहे हैं, जिसमे भड़काऊ और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बातें कही गई हैं। CAA विरोधी कार्यक्रम में शरजील ने कहा था कि 'अब समय आ गया है कि हम गैर-मुस्लिमों से बोलें कि यदि वो हमारे हमदर्द हैं, तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हों। अगर वो हमारी शर्तों पर खड़े नहीं होते तो वो हमारे हमदर्द नहीं हैं। अगर 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम नॉर्थ-ईस्ट को हिंदुस्तान से परमानेंटली काट कर अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।' इसका वीडियो आप You tube पर भी देख सकते हैं। तेज रफ़्तार स्कार्पियो ने मजदूरों को कुचला, एक की मौत, दूसरा घायल बागेश्वर धाम के समर्थन में जंतर-मंतर पर धर्म संसद शुरू, देश के कोने-कोने से साधू-संत पहुंचे अडानी ग्रुप के लिए लंदन से आई राहत की खबर, इस ब्रिटिश कंपनी ने जताया भरोसा