'पंज प्यारे' वाले बयान पर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मांगी माफ़ी, गुरूद्वारे में साफ़ किए भक्तों के जूते

देहरादून: पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब पार्टी के पदाधिकारियों की तुलना "पंज प्यारे" से करने वालें बयान पर माफी मांग ली है। इसके साथ ही शुक्रवार को उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में खटीमा के पास नानकमत्ता गुरुद्वारे के फर्श पर भक्तों के जूते साफ किए और झाड़ू लगाई। हरीश रावत ने सिख समुदाय की परंपरा के अनुसार, इस दाैरान अपना सिर ढका हुआ था और वे सेवा कर रहे थे। 

बता दें कि 'सेवा' का अर्थ 'निःस्वार्थ सेवा' है और इसमें बगैर किसी पुरस्कार या व्यक्तिगत लाभ के विभिन्न तरीकों से दूसरों की सहायता करना शामिल है। सिखों के लिए, यह भगवान में अपनी आस्था दिखाने का एक तरीका है। बता दें कि विगत 1 सितंबर को हरीश रावत ने नवजोत सिद्धू और उनकी टीम की तुलना "पंज प्यारे" से कर दी थी, जो सिखों के लिए बहुत ही श्रद्धा का शब्द है। जिसके बाद इस पर विरोध शुरू हो गया।

ऐसे में मीडिया को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने बुधवार को कहा था कि अपनी गलती के प्रायश्चित के लिए वह उत्तराखंड के एक गुरुद्वारे में फर्श साफ़ करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने उस शब्द (पंज प्यारे) का उपयोग सम्मानित व्यक्ति के लिए एक संदर्भ के रूप में किया था। फिर भी, यदि मेरे शब्दों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं क्षमा मांगता हूं और अपने शब्दों को वापस लेता हूं। प्रायश्चित के लिए, मैं एक गुरुद्वारे के फर्श पर झाड़ू लगाऊंगा।

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