गुवाहाटी: असम की एक कोर्ट ने गुजरात के निर्दलीय MLA जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ झूठी FIR दर्ज करने के लिए राज्य पुलिस की खिंचाई की है। इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर तंज कसा है। उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री CBI को यह पता लगाने का जिम्मा सौपेंगे कि वह व्यक्ति कौन था, जिसने जिग्नेश के खिलाफ FIR दर्ज की। इस मामले पर चिदंबरम ने आगे कहा कि कोर्ट ने पाया कि कोई भी समझदार व्यक्ति दो पुरुष पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में एक महिला पुलिस अधिकारी का शीलभंग करने का दुस्साहस नहीं कर सकता और FIR का कोई आधार नहीं है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि कोर्ट ने पाया कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि मेवाणी एक पागल व्यक्ति हैं। दरअसल, बारपेटा जिला व सत्र न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने पुलिस एनकाउंटर्स का जिक्र करते हुए गुवाहाटी हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वह राज्य पुलिस बल को खुद में सुधार करने का निर्देश दे। जज ने कहा कि हाई कोर्ट असम पुलिस को मौजूदा मामले की तरह झूठी FIR दर्ज करने, आरोपियों को गोली मारने या जख्मी करने वाले पुलिस कर्मियों को रोकने के लिए कदम उठाए। इसके लिए अदालत, पुलिस को खुद में सुधार करने का निर्देश देने पर विचार कर सकता है, जो प्रदेश में नियमित घटना बन गई है। 'छोटे उद्योगों को तबाह कर देगा बुलडोज़र, बढ़ेगी बेरोज़गारी..', केंद्र सरकार पर राहुल गांधी का हमला धर्म की आड़ लेकर ओवैसी ने फिर मुस्लिमों को भड़काया, वायरल वीडियो में देखें क्या-क्या कहा ? CM नीतीश की इफ्तार पार्टी में शामिल होने के बाद बोले तेजस्वी- 'हर बात को राजनीतिक चश्मे से देखना ठीक नहीं'