'शांति की असली ताकत थे मुशर्रफ..', कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने की पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति की तारीफ

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ का 79 वर्ष की आयु में इंतकाल हो गया है। मुशर्रफ का दुबई में एक अस्पताल में उपचार चल रहा था। मुशर्रफ की मौत के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर के एक ट्वीट पर बवाल मच गया है। कांग्रेस नेता थरूर ने मुशर्रफ को शांति के लिए असली ताकत करार दिया है। थरूर के इस ट्वीट को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उन पर हमला बोला है।

 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज मुशर्रफ के निधन पर रविवार (5 फ़रवरी) को शोक प्रकट करते हुए कहा कि, ‘कभी भारत के कट्टर शत्रु रहे मुशर्रफ 2002 से 2007 के बीच शांति के लिए असली ताकत बन गए थे। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का एक दुर्लभ बीमारी के चलते निधन हो गया।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आगे लिखा कि, 'मैंने संयुक्त राष्ट्र में उन दिनों उनसे हर साल मुलाकात की थी और उन्हें चतुर तथा अपने कूटनीतिक विचारों में स्पष्ट पाया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।' अब कांग्रेस नेता द्वारा किए गए इसी ट्वीट पर अब हंगामा खड़ा हो गया है। उनके इस बयान को लेकर भाजपा ने उनपर हमला बोला है।

 

भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘परवेज मुशर्रफ, कारगिल युद्ध का वास्तुकार, तानाशाह, जघन्य अपराधों का आरोपी, जिसने तालिबान और ओसामा बिन लादेन को भाई और हीरो माना, जिसने अपने ही शहीद सैनिकों की लाशों को वापस लेने से इनकर कर दिया था, उसकी कांग्रेस की तरफ से प्रशंसा की जा रही है। हैरानी हो रही है? एक बार फिर कांग्रेस की पाक परस्ती।’ पूनावाला ने अपने ट्वीट के साथ में कुछ खबरों की स्क्रीन शॉट भी साझा किए हैं।

 

पूनावाला ने अपने एक और ट्वीट में कहा है कि, परवेज मुशर्रफ जिन्होंने ओसामा बिन लादेन और तालिबान की प्रशंसा की थी, उन्होंने राहुल गांधी की भी तारीफ की थी। राहुल को उन्होंने जेंटलमैन बताया था और उन्हें समर्थन देने का वादा किया था। शायद यही कारण है कि शशि थरूर कारगिल के वास्तुकार और आंतकवाद के समर्थक का महिमामंडन कर रहे हैं। पूनावाला ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि, 370 से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक बालाकोट पर संदेह करने वाली कांग्रेस मुशर्रफ की जय कर रही है, जबकि हमारे अपने आर्मी चीफ को कांग्रेस ने सड़क का गुंडा कहा था।

बता दें कि, परवेज़ मुशर्रफ़ पाकिस्तान के राष्ट्रपति और आर्मी चीफ रह चुके थे। उन्होंने वर्ष 1999 में नवाज़ शरीफ की लोकतान्त्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की कमान अपने हाथ में ली थी और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे। मुशर्रफ़ के कार्यकाल के दौरान भारत पर आतंकी हमले बढ़ गए थे। 2005 में परेड पत्रिका ने मुशर्रफ़ को विश्व के 10 सबसे बुरे तानाशाहों की लिस्ट में शामिल किया था। 

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