नई दिल्ली: कांग्रेस के शीर्ष नेता आज सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में एससी/एसटी समुदायों के क्रीमी लेयर को आरक्षण लाभ से बाहर रखने के फैसले पर रणनीति बनाने और अपना रुख तय करने के लिए बैठक करेंगे। यह बैठक शाम 6:30 बजे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर होगी। इस हाई-प्रोफाइल बैठक में खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि राज्यों को अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि यह निर्धारित करते समय कि क्या किसी वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है, ध्यान केवल संख्या के बजाय प्रभावी प्रतिनिधित्व पर होना चाहिए। 6:1 के बहुमत से लिया गया यह फैसला एससी और एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति देता है। इस फैसले ने ईवी चिन्नैया मामले में पिछले फैसले को पलट दिया, जिसमें इस तरह के उप-वर्गीकरण को अस्वीकार्य माना गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सात न्यायाधीशों की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ के अन्य न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला एम. त्रिवेदी, पंकज मिथल, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। न्यायमूर्ति गवई ने प्रस्ताव दिया कि राज्यों को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के भीतर क्रीमी लेयर की पहचान करने और उन्हें सकारात्मक कार्रवाई के लाभों से बाहर करने के लिए नीतियां बनानी चाहिए। इसके विपरीत, न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने उप-वर्गीकरण पर बहुमत के दृष्टिकोण का विरोध करते हुए असहमति व्यक्त की। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस फ़ैसले से असहमति जताते हुए कहा कि उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस फ़ैसले की समीक्षा की मांग करेगी। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद मनोज झा ने भी अदालत के फ़ैसले के प्रति सम्मान व्यक्त किया, लेकिन उप-वर्गीकरण को अन्यायपूर्ण और सहानुभूति की कमी वाला बताया। मैला ढोने की प्रथा खत्म होने के बावजूद सीवर की सफाई के दौरान 453 लोगों की मौत ! जलाशयों में प्लास्टिक प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कार्रवाई की मांग पंजाब सरहद से भारत में घुस रहे थे पाकिस्तानी घुसपैठिए, BSF ने एक को किया ढेर, 24 गिरफ्तार