राजस्थान में राजनीति संग्राम चरम पर पहुंच गया है. सचिन पायलट गुट की समन याचिका पर उच्च न्यायालय के यथास्थिति के निर्देश के बाद सियासी हलचल जबरदस्‍त तरीके से तेज हो गई है. एक ओर कांग्रेस एमएलए फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में राजभवन कूच कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राजभवन में भी हलचल नजर आ रही है. 100 रुपए नहीं दिए तो निगमकर्मियों ने पलट दिया अंडे वाले का ठेला, वीडियो वायरल विधायक दल की मीटिंग के पश्चात सीएम अशोक गहलोत द्वारा राज्यपाल को लेकर दिये गये बयान पर भाजपा पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बड़ा बयान देते हुए बताया कि गहलोत से राजभवन की सुरक्षा को खतरा है. राजभवन पर तुरंत प्रभाव से सीआरपीएफ तैनात करनी चाहिए. प्रदेश की पुलिस पर अब भरोसा नहीं कर सकते हैं. सीएम ही इस तरह के बयान दे रहे हैं. ऐसे में राज्य में शीघ्र सीआरपीएफ बुलानी चाहिए. बदल गए अनुराग कश्यप के तेवर, कहा- 'कंगना ने हमेशा मेरा साथ दिया...' विदित हो कि विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री पर जवाबी हमला किया है. जिसमें उन्होने कहा कि राज्यपाल के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धमकी वाली भाषा का उपयोग कर रहे हैं. जबकि राज्यपाल का पद संवैधानिक प्रमुख का है. गहलोत खुद के कुनबे को संभाल नहीं पा रहे हैं. कभी भाजपा और कभी राजभवन पर अंगुली उठा रहे हैं. सत्ता के लिए हो रही इस हलचल को लेकर बीजेपी भी रणनीति बनाने में जुट गई है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, सतीश पूनिया और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी मीटिंग कर रहे है. पार्टी की तरफ से शाम चार बजे मीडिया वार्ता की जा सकती है. उसे पार्टी के आला नेता संबोधित करने वाले है. शुक्रवार की नमाज़ के लिए खुला, तुर्की के राष्ट्रपति ने किया था विवादित फैसला पर्यटन मंत्री सीटी रवि ने कोरोना को दी मात, रिपोर्ट आई सामने रक्षाबंधन : सिर्फ भाई को ही नहीं बांधी जाती हैं राखी, जानिए पर्व से जुड़ीं रोचक बातें