नई दिल्ली: मानसून सत्र से सिर्फ दो सप्ताह पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी में बड़े परिवर्तन कर सकती हैं। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के कद्दावर नेता अधीर रंजन चौधरी को हटाकर किसी और को लोकसभा में पार्टी के नेता का पद सौंपा जा सकता है। इसे तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के प्रयासों को मजबूती देने के तौर पर देखा जा रहा है। वही पश्चिम बंगाल में कांग्रेस तथा वाम मोर्चा ने एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था, मगर एक सीट रिक्त थी क्योंकि उनके सहयोगी अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाली भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा पार्टी ने संजुक्ता मोर्चा से केवल एक सीट प्राप्त की थी। हालांकि, पूरे चुनावी चरण में कांग्रेस ने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर हमला नहीं बोला। इसलिए, चौधरी को लोकसभा में पार्टी के नेता के तौर पर परिवर्तित करने के कांग्रेस के निर्णय को बनर्जी के साथ घनिष्ठता बनाने के लिए एक अहम कदम उठाने के लिए पार्टी की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, बरहामपुर से काफी वक़्त से सांसद रहीं चौधरी पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार की आलोचना करती रही हैं। चौधरी के स्थान पर, कांग्रेस कथित तौर पर बनर्जी तथा टीएमसी के साथ जमीनी स्तर पर बेहतर रिश्ते बनाने की आशा कर रही है तथा साथ ही साथ बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भी ले सकती है। सूत्रों के अनुसार, टीएमसी कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग कर सकती है। बिल बकाया मामले में फंसे नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया बड़ा बयान, बोले- लोगों को मिले 300... यूपी में प्रचंड बहुमत से जीती भाजपा, मुख्यमंत्री योगी बोले- जहां किसान आंदोलन मजबूत, वहां भी जीती भाजपा... आशीष शेलार से मुलाक़ात को संजय राउत ने बताया अफवाह