'मैं मोदी विरोधी नहीं..', कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव हारने के बाद ऐसा क्यों बोले शशि थरूर ?

नई दिल्ली: गाँधी परिवार द्वारा समर्थित उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हारने के बाद पार्टी शशि थरूर ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। शशि थरूर ने कहा है कि 'वे (थरूर) बुद्धिजीवी हैं, मगर मोदी विरोधी या देश विरोधी नहीं हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ सरकार के खिलाफ है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) के एसोसिएट प्रोफेसर सोशियोलॉजिस्ट सैल्वाटोर बेबोनेस ने कहा था कि भारत का बुद्धिजीवी वर्ग मोदी और भाजपा विरोधी के साथ-साथ देश विरोधी भी है। थरूर ने कहा है कि भारत को फासीवादी दर्शाने के पीछे भारत का बुद्धिजीवी वर्ग और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया है। मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता थरूर ने कहा कि वे पीएम मोदी से नफरत नहीं करते हैं। उनका विरोध केवल सियासी है और एक सरकार के खिलाफ है। थरूर ने कहा कि पीएम मोदी ने कई योजनाओं को आगे बढ़ाया, जिसकी शुरुआत कांग्रेस ने की थी, मगर एक बार भी उन्होंने इसका क्रेडिट कांग्रेस को नहीं दिया। 

थरूर ने आगे कहा कि वे भाजपा का विरोध करते रहेंगे। थरूर ने कहा कि एक बुद्धिजीवी होने के नाते वे भारत के विरोधी नहीं हैं और ना ही मोदी के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि उनका विरोध तो केवल एक बड़ी सरकार तक सीमित है। थरूर ने कहा कि जनता की जरूरत सर्वोपरि हैं। बता दें कि, शशि थरूर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात में जारी विधानसभा चुनावों के लिए प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। थरूर ने अफ़सोस भरे लहजे में कहा कि, 'मैं गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में पार्टी के लिए प्रचार करना चाहता था, मगर मुझे पार्टी ने स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल नहीं किया।'

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि, 'पार्टी को शायद मेरी सर्विस की वहाँ (गुजरात-हिमाचल में) जरूरत नहीं है। वैसे भी अगर मैं बिना स्टार प्रचारक बने किसी चुनावी प्रदेश में जाता हूँ, तो निर्वाचन आयोग द्वारा एक्शन लिया जा सकता है। प्रत्याशी के खर्चे से पैसे काटे जा सकते हैं।' बता दें कि अध्यक्ष चुनाव हारने के बाद से शशि थरूर, पार्टी में एक तरह से हाशिए पर चल रहे हैं। यहाँ तक कि, पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में बनाई गई कांग्रेस की नई कार्यसमिति (CWC) में भी शशि थरूर को शामिल नहीं किया गया है। इस कमेटी में कुल 47 सदस्य शामिल हैं, जिसमे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, दिग्विजय सिंह, हरीश रावत, एके अंटनी, अभिषेक मनु सिंघवी, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन, अंबिका सोनी जैसे नेताओं का नाम शामिल हैं।

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