बांग्लादेश हिंसा पर INDIA गठबंधन के कई नेताओं से जुदा है कांग्रेस सांसद शशि थरूर की राय ! जानिए क्या कहा?

ढाका: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच , कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत एक अस्थिर या अमित्र पड़ोसी नहीं चाहता है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "हम अभी भी नहीं जानते कि अंतरिम सरकार में कौन होगा। जमात-ए-इस्लामी के बढ़ते प्रभाव के बारे में भारत में कुछ समझ में आने वाली चिंताएँ हैं, जिसने अतीत में भारत के प्रति बहुत ही शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाया है, और चीन और पाकिस्तान द्वारा संभावित हस्तक्षेप। हम एक अस्थिर या अमित्र पड़ोसी नहीं चाहते हैं।" बता दें कि, थरूर का बयान INDIA गठबंधन के अधिकतर नेताओं से बिलकुल उलट है, जो बांग्लादेश की स्थिति को भारत सरकार पर हमला करने के एक साधन के रूप में देख रहे हैं और शेख हसीना को तानाशाह बताते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी वैसा ही कुछ होने की संभावना जता रहे हैं। हालाँकि, शशि थरूर ने वास्तविक संकट को पहचाना है, क्योंकि शेख हसीना भारत समर्थक थीं और नई सरकार जो आएगी वो पाकिस्तान समर्थक होगी, इसमें भारत के लिए खुश होने जैसा कुछ नहीं है। 

थरूर ने बांग्लादेश में हिंदू घरों, मंदिरों और व्यक्तियों पर हाल ही में हुए हमलों पर भी चिंता व्यक्त की, और चेतावनी दी कि यदि स्थिति जल्द ही स्थिर नहीं हुई तो संभावित शरणार्थी संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि "हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यक्तियों पर हमलों की कुछ परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं। हम सभी ने कल लूटपाट की तस्वीरें देखीं। यह कुछ दिनों में शांत हो सकता है और स्थिर हो सकता है, अगर ऐसा नहीं होता है, तो शरणार्थियों के हमारे देश में भाग जाने का भी जोखिम है और यह गंभीर चिंता का विषय होगा। मुझे उम्मीद है कि हमारे उच्चायुक्त और हमारे कर्मचारी सुरक्षित हैं और स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।" उनका ये बयान भी बाकी विपक्ष से अलग है, जो मानने को ही तैयार नहीं कि बांग्लादेश पर कट्टरपंथी ताकतें हावी हो चुकी हैं और हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राउत और कुछ कांग्रेस नेता भी शेख हसीना को तानाशाह बताते हुए बांग्लादेश में हो रही हिंसा को जायज ठहराने में लगे हुए हैं।  

वहीं, थरूर ने कहा कि, "बांग्लादेश कभी पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था। उस समाज के कुछ हिस्सों में इस्लामी उत्साह का एक निश्चित आधार है। भारत ने हर सरकार के साथ काफी रचनात्मक तरीके से बातचीत की है, यहां तक ​​कि उन सरकारों के साथ भी, जो हमारे लिए खुले तौर पर अनुकूल नहीं थीं। मुझे लगता है कि हमें बिल्कुल वैसा ही करना जारी रखना होगा।" शेख हसीना और बांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर बोलते हुए थरूर ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह स्पष्ट रूप से शेख हसीना युग का अंत है। वह 76 वर्ष की हैं और मुझे नहीं लगता कि वह निर्वासन में बैठकर वापसी की योजना बना रही हैं, यह नासमझी होगी। हमने पिछले आधी सदी में मुक्ति आंदोलन से जुड़ी ताकतों, शेख मुजीबुर रहमान और अब उनकी बेटी के बीच लंबे समय तक चलने वाली चीज़ों को देखा है। दूसरी तरफ, लोग सेना से और कुछ हद तक बांग्लादेश के भीतर कट्टर इस्लामवादी ताकतों से जुड़े हुए हैं।"  

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