नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस के महाभियोग को सभापति वेंकैया नायडू ने ख़ारिज कर दिया है, जिसके बाद कांग्रेस बौखला गई है, हालांकि कांग्रेस ने फ़िलहाल अपने सभी नेताओं को इस मामले पर चुप्पी साधने को कहा है, लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिए अपनी भड़ास निकाली है. सुरजेवाला ने एक के बाद एक तीन ट्ववीट किए जिसमे उन्होंने सीधे देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर आरोप लगाए हैं. इसी क्रम में कांग्रेस ने आदेश के विरोध में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंचकर संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत कर दी है, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस अभियान के तहत तालकटोरा पहुँच गए हैं. सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि महाभियोग लाने के लिए 50 सांसदों की जरूरत होती है, जो हमने पूरा किया. राज्यसभा चेयरमैन प्रस्ताव की मेरिट तय नहीं कर सकते हैं. अब ये लड़ाई सीधे तौर पर लोकतंत्र को बचाने वाले और लोकतंत्र को खारिज करने वालों के बीच में है. अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 64 सांसदों द्वारा प्रस्ताव जमा करने के कुछ घंटों के भीतर ही वित्त मंत्री ने इसे 'रिवेंज पेटीशन' अर्थात बदला लेने के लिए लगाई गई याचिका बताया था, उन्होंने लिखा कि राज्यसभा चेयरमैन प्रशासनिक शक्ति के अभाव में इस तरह का फैसला नहीं ले सकते हैं. इसके बाद तीसरे ट्वीट में उन्होंने एम. कृष्णा स्वामी केस का उदहारण देते हुए लिखा कि अगर सभी आरोप जांच से पहले ही खारिज हो जाएं तो संविधान और जज इन्क्वाएरी एक्ट का कोई मतलब नहीं रहता है. आपको बता दें कि जज दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने नाकार दिया था, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इसके पीछे का कारण तकनीकी खामियों का होना बतलाया था. महाभियोग : तकनीकी ख़ामियो का हवाला देकर वेंकैया ने नाकारा प्रस्ताव महाभियोग का CJI पर क्या होगा प्रभाव राहुल गाँधी का नया अभियान "संविधान बचाओ" आज से