रांची: झारखंड में पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र (मेनिफेस्टो) को जारी कर दिया, जिसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने साइलेंट पीरियड के नियमों का उल्लंघन करार दिया। साइलेंट पीरियड वह समय होता है जब चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी जाती है। यह अवधि मतदान से 48 घंटे पहले शुरू होती है, ताकि मतदाता बिना किसी दबाव के अपना निर्णय ले सकें। बीजेपी ने इस कदम पर कड़ा एतराज जताते हुए इसे संविधान और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया। पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की और कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व सुधीर श्रीवास्तव ने किया, इस मामले को लेकर मुख्य चुनाव आयोग पहुंचा। उन्होंने मांग की कि जो भी कांग्रेस नेता इस साइलेंट पीरियड के दौरान घोषणापत्र जारी करने में शामिल थे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। बीजेपी का कहना है कि 11 तारीख को शाम 5 बजे साइलेंट पीरियड शुरू हो चुका था, जिसके बाद किसी भी पार्टी को चुनावी घोषणापत्र जारी करने या प्रचार गतिविधियां करने की अनुमति नहीं होती। इसके बावजूद, कांग्रेस ने रांची में बड़े नेताओं की उपस्थिति में घोषणापत्र जारी किया। सुधीर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग के आदेश की खुलेआम अवहेलना की है। पार्टी ने अपनी शिकायत में कहा कि ऐसा कदम चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है। बीजेपी ने मांग की कि इस मामले में चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। इस शिकायत पर निर्वाचन अधिकारियों ने मामला गंभीरता से लेते हुए देश के मुख्य चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है। अब सभी की नजरें आयोग के अगले कदम पर टिकी हैं। इस घटना ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और साइलेंट पीरियड के महत्व को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाईं महिला दरोगा पूनम कुमारी, फिर करने लगी ये काम..! भ्रष्ट्राचार से तंग आए कर्नाटक के शराब कारोबारी, विरोध में बंद रखेंगे 10000 दुकानें 'इस देश का इतिहास गवाह है..,' बंटेंगे तो कटेंगे पर फडणवीस ने लगाई मुहर