'भारत चुनावी निरंकुशता के रूप में लेबल किया जाता है', फूटा कांग्रेस का दर्द

कांग्रेस ने हाल ही में कहा है कि, 'भारत को अब एक लोकतंत्र के रूप में नहीं माना जाता है, और इसके बजाय, इसे "चुनावी निरंकुशता" के रूप में लेबल किया जाता है।' जी दरअसल कांग्रेस कार्य समिति ने कहा, 'भारत को अब एक लोकतंत्र के रूप में नहीं माना जाता है, इसने चुनावी निरंकुशता का लेबल अर्जित किया है। संसद की अवमानना की गई है। अदालतों और न्यायाधिकरणों में रिक्त पदों को नहीं भरने से न्यायपालिका को कमजोर किया गया है '।

इसी के साथ कांग्रेस ने सभी लोकतांत्रिक दलों से मोदी सरकार का डटकर विरोध करने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया है। जी दरअसल कांग्रेस ने कहा कि "हम ऐसा करते हैं और सभी लोकतांत्रिक दलों और ताकतों से मोदी सरकार (Modi government) का डटकर विरोध करने का आह्वान करते हैं ताकि हमारे देश की स्थापना के मूल्यों की रक्षा और लोगों के हितों को आगे बढ़ाया जा सके।"

उन्होंने कहा कि "लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले मोदी सरकार के दुखद और बेशर्म आख्यान को पूरा करते हैं"। इसी के साथ यह भी दावा किया गया है कि छापेमारी और झूठे मामलों के माध्यम से मीडिया को नम्र प्रस्तुत करने की धमकी दी गई है। जी दरअसल CWC द्वारा अपनाए गए एक प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि 'गैर-सरकारी संगठनों (NGO) को धमकाया गया है और उनकी कल्याणकारी गतिविधियों को रोक दिया गया है। लोगों की आवाज दबाने के लिए सरकार की एजेंसियों का व्यापक रूप से दुरुपयोग किया गया है।'

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