अडानी मुद्दे पर अकेली रह गई कांग्रेस..! INDIA गुट के सहयोगी क्यों हटे पीछे ?

नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद भी संसद में कोई महत्वपूर्ण चर्चा नहीं हो पा रही है। कांग्रेस लगातार अडानी विवाद को उठाकर हर सेशन को स्थगित करा रही है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कमी साफ नजर आ रही है। टीएमसी और शरद पवार गुट जैसी पार्टियां इस मुद्दे पर उतनी उत्साहित नहीं हैं, और कांग्रेस की वजह से अन्य दलों को पीछे हटना पड़ रहा है।

कांग्रेस के कुछ सांसदों ने इस रणनीति पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि देश की जनता ने उन्हें सदन में भेजा है और उनके मुद्दों को उठाना जरूरी है। अगर सिर्फ अडानी विवाद पर जोर दिया जाता रहेगा और संसद में हंगामा होता रहेगा, तो वोटरों को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। कुछ सांसदों ने तो यह भी कहा है कि राज्यसभा के कुछ नेता ही कांग्रेस की रणनीति तैयार करते हैं, जबकि लोकसभा में जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उनका खाका वहीं तैयार किया जाता है। कुछ सांसदों का मानना है कि प्रियंका गांधी के लोकसभा में आने से कांग्रेस की रणनीति में बदलाव आ सकता है, क्योंकि प्रियंका ज्यादा प्रैक्टिकल हैं और वे जनता के मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देती हैं। हालांकि, राहुल गांधी के खिलाफ जाने की हिम्मत किसी सांसद में नहीं है, क्योंकि उनका अडानी मुद्दा ही सबसे अहम है और वे इसी के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधते हैं।

इस बीच, विपक्षी दलों के बीच अलग-अलग मुद्दे उठाए जा रहे हैं। टीएमसी बेरोजगारी, महंगाई और बंगाल को मिलने वाले फंड्स पर चर्चा करना चाहती है, जबकि सपा संभल जैसे मुद्दों को उठाना चाहती है। इस असहमति के बावजूद, सोमवार को इंडिया गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की एक अहम बैठक होगी, जिसमें तय किया जाएगा कि संसद में आगे क्या रणनीति अपनाई जाएगी। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड का मुद्दा भी है, जिस पर विपक्ष चर्चा करना चाहता है। एक राज्य ने जहां बीजेपी की सरकार है, वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है, और इस मुद्दे पर भी संसद में जमकर बवाल होने की संभावना है।

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