बैंगलोर: कर्नाटक में कांग्रेस के जीतने के बाद लोग अब उन वादों पर नज़र लगाए बैठे हैं, जो पार्टी ने चुनाव के दौरान किए थे। जैसे, मुस्लिमों को 4 फीसद आरक्षण, बजरंग दल पर बैन, बेरोजगार ग्रेजुएट युवाओं को 3000 रुपए, डिप्लोमा होल्डर्स को 1500 रुपये, परिवार महिला मुखिया को प्रतिमाह 2 हजार रुपये आदि। बता दें कि, कट्टरपंथी संगठन PFI के बैन होने के बाद ये कर्नाटक में पहला चुनाव था, इसी PFI की पोलिटिकल विंग SDPI के समर्थन में कांग्रेस ने यह चुनाव लड़ा था, ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि, कांग्रेस सरकार PFI के संदिग्ध आतंकियों पर दर्ज केस भी वापस लेगी। बता दें कि, कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने 2015 में भी PFI के 1600 आरोपितों पर दर्ज केस वापिस लिए थे। बहरहाल, ये होता है या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फ़िलहाल कांग्रेस की जीत पर कर्नाटक में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे जरूर लग चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बेलगावी में कांग्रेस उम्मीदवार आसिफ सैत के चुनाव जीतने के बाद ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगने का वीडियो सामने आया था। यह वीडियो तिलकवाड़ी के मतगणना केंद्र का है। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वीडियो वायरल होने के बाद तिलकवाड़ी पुलिस इंस्पेक्टर दयानंद जी. शेगुनासी ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया है। कांग्रेस उम्म्मीद्वार की जीत के बाद जब मुस्लिम युवक ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की नारेबाजी कर रहे थे, तब इंस्पेक्टर दयानंद जी. शेगुनासी मौके पर ही तैनात थे। इस मामले में इंस्पेक्टर दयानंद के बयान के आधार पर ही FIR दर्ज हुई है। उन्होंने बताया है कि, 'विधानसभा चुनाव में सुरक्षा को लेकर मेरी व बाकी लोगों की ड्यूटी तिलकवाड़ी आरपीडी कॉलेज में लगाई गई थी।' वे आगे बताते हैं कि, 'जब मैं और बाकी के स्टाफ सदस्य दोपहर लगभग 2:30 बजे RPD कॉलेज के पास पहुँचे, तब कांग्रेस के कई उम्मीदवार वहाँ पहुँच गए और उनके समर्थकों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में नारेबाजी कर जश्न मनाने लगे। उन्होंने आगे कहा कि, 'उस दौरान कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए नारेबाजी कर रहे मुस्लिम युवकों द्वारा ‘जिंदाबाद जिंदाबाद पाकिस्तान जिंदाबाद’ की नारेबाजी भी की गई। इससे राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता को खतरा उत्पन्न हो गया और समाज के बीच नफरत पैदा हो गई। हम अलगाववाद के इरादे से कांग्रेस के प्रत्याशी की तरफ से “ज़िंदाबाद जिंदाबाद पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे नारे लगाने वाले आरोपितों के खिलाफ हैं।' कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ IPC की धारा 153, 153 (बी) के तहत केस दर्ज कर लिया है और छानबीन की जा रही है। बता दें कि स्वघोषित फैक्ट चेकर और दंगाइयों का बचाव करने के लिए कुख्यात ऑल्ट न्यूज का सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर सहित कई लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले आरोपितों का बचाव करने में लग गए हैं। मोहम्मद जुबैर ने एक ट्वीट करते हुए दावा किया कि, 'मैंने बेलगावी के पुलिस इंस्पेक्टर दयानंद से बात की। उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं की, कि नारे “पाकिस्तान जिंदाबाद” के थे या “आसिफ (राजू) सैत जिंदाबाद” के। वे वायरल वीडियो को आगे की जनक के लिए फोरेंसिक लैब भेज रहे हैं।' जुबैर के ट्वीट से यह स्पष्ट है कि वह पाकिस्तान परास्त आरोपितों को बचाने का प्रयास कर कर रहे हैं। जबकि इंस्पेक्टर दयानंद ने खुद FIR में कहा है कि नारेबाजी के दौरान वह मौके पर ही मौजूद थे। बता दें कि, ज़ुबैर ने इसी तरह दिल्ली दंगों (2020) में AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन का भी बचाव किया था और उसे पीड़ित साबित करने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन अदालत में वही दंगों का मास्टरमाइंड निकला। कोर्ट का कहना था कि, ताहिर हुसैन द्वारा जमा की गई भीड़ का मकसद केवल और केवल हिन्दुओं को मारना और उन्हें नुक्सान पहुँचाना था। बिहार: JDU अध्यक्ष की पार्टी में मटन खाने पहुंचे महागठबंधन कार्यकर्ताओं पर पुलिस का लाठीचार्ज, भागते नज़र आए कार्यकर्ता कर्नाटक में काम कर गया 'मुस्लिम आरक्षण' का दांव, जीतने वाले सभी नौ मुसलमान MLA कांग्रेस से ! भारत का वो फिल्ड मार्शल, जिसका नाम सुनकर ही काँप जाता था पाकिस्तान