बैंगलोर: कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। दरअसल, एक युवक ने कथित रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को 'सिद्धरमुल्ला खान' कह दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं ने उस युवक को पीट डाला। इतना ही नहीं, उस युवक को सिद्धारमैया के पोस्टर के सामने घुटनों पर बैठकर माफी माँगने के लिए भी विवश किया गया। हालाँकि, सोशल मीडिया पर आज वायरल हो रहा यह वीडियो कब का है और कहाँ है, इसका पता नहीं चल पाया है, मगर सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए कह रहे हैं कि, क्या यही है 'मुहब्बत की दुकान', जो मुख्यमंत्री पर एक टिप्पणी करने से युवक को पीट दिया गया। इस घटना के वायरल वीडियो में दो व्यक्ति नज़र आ रहे हैं। इनमें से एक व्यक्ति सिद्धारमैया के पोस्टर के पास बैठे युवक पर थप्पड़ जड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। साथ ही उससे पूछ रहा है कि उसकी सिद्धारमैया को गाली देने की जुर्रत कैसे हुई? क्या सिद्धरमैया, सिद्धरमुल्ला खान हैं? वहीं, सिद्धारमैया के पोस्टर के पास घुटने पर बैठा युवक पोस्टर से ही माफी माँगता दिखाई दे रहा है। साथ ही, पीड़ित युवक उन दोनों से यह भी कह रहा है कि उसने सिद्धारमैया को गाली नहीं दी। हालाँकि, अभी तक आरोपित और पीड़ित युवक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। वहीं, इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब तक कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की गई है। वहीं, भाजपा ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान करने का इल्जाम लगाया है। साथ ही कांग्रेस से अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने की बात कही है। पहले भी हो चुकी है कार्रवाई:- बता दें कि, बता दें कि, कर्नाटक में कांग्रेस मुहब्बत की दूकान खोलने और फ्री के वादों के साथ सत्ता में आई है और ये भी आरोप लगाती रही है कि, केंद्र सरकार आलोचना सुनना नहीं चाहती और आवाज़ दबाती है। हालाँकि, कर्नाटक में बीते कुछ दिनों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसको देखने से ऐसा लगता है कि, कांग्रेस सरकार भी लोगों की आवाज़ दबाने लगी है। बीते दिनों कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर को 'नाकाबिल' कहने पर एक दलित एक्टिविस्ट शिवराज मरलिगा को पुलिस ने जेल में डाल दिया था। इस संबंध में एक कांग्रेस नेता ने ही शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं, एक शिक्षक को भी कांग्रेस सरकार निलंबित कर चुकी है। उस शिक्षक का कसूर केवल इतना था कि, उसने सिद्धारमैया सरकार द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में लिए हुए लोन की जानकारी देते हुए एक पोस्ट किया था। कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद शांति मूर्ति एमजी ने सोशल मीडिया के माध्यम से सिद्धारमैया सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, पूर्व एसएम कृष्णा के कार्यकाल के दौरान एसएम कृष्णा ने 3,590 करोड़ रुपये, एचडी कुमारस्वामी ने 3,545 करोड़ रुपये, बीएस येदियुरप्पा ने 25,653 करोड़ रुपये, जगदीश शेट्टार ने 13,464 करोड़ रुपये, धर्म सिंह 15,635 करोड़ रुपये और डीवी सदानंद गौड़ा ने 9,464 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जबकि सिद्धारमैया सरकार (2013-18) ने 2,42,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। शिक्षक ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि, एसएम कृष्णा के वक़्त से लेकर शेट्टार तक मुख्यमंत्रियों ने कुल 71,331 करोड़ रुपये ऋण लिया, मगर सिद्धारमैया के कार्यकाल में कर्ज की राशि 2,42,000 करोड़ रुपये तक जा पहुंची थी। दरअसल, ये पोस्ट शिक्षक ने फ्री के वादों पर नसीहत देते हुए लिखी थी कि, फ्री के वादों को पूरा करने के लिए सरकार को काफी कर्ज लेना पड़ेगा और राज्य पर बोझ पड़ेगा। फ्री की योजनाओं पर शर्तें लागू :- बता दें कि, चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा मुफ्त बिजली, बेरोज़गारी भत्ता, मुफ्त अनाज, महिलाओं को मासिक 1000 रुपए की सहायता और मुफ्त सफर देने का वादा किया गया था। लेकिन, अब सत्ता में आने के बाद, इसी बीच सीएम सिद्धारमैया की सरकार में मंत्री और कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने स्पष्ट कर दिया है कि 'सभी वादों को पूरा किया जाएगा, मगर इनमें नियम और शर्तें लागू होंगी।' इसके साथ ही खड़गे ने कहा कि, 'ऐसी कोई भी स्कीम नहीं है, जो सभी के लिए फ्री होगी।' उन्होंने कहा कि, 'हम सुनिश्चित करेंगे कि 5 गारंटियों को शीघ्र किया जाए। लेकिन, चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार, हर सरकारी स्कीम कुछ नियमों और शर्तों के साथ आती है।' यानी, इन योजनाओं का लाभ किसे मिलेगा और किसे नहीं तथा कितना लाभ मिलेगा ? इसके लिए कांग्रेस सरकार शर्तें लागू करेंगी। विदेश से आए लोगों ने बनाया आधुनिक भारत, गांधी-नेहरू, आंबेडकर-बोस सब NRI थे - अमेरिका में बोले राहुल गांधी CM नीतीश को बड़ा झटका, मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता में शामिल होने से राहुल गाँधी और खरगे ने किया इंकार 'आपने तो मुझे CM बनाने के लिए वोट दिया था, लेकिन...' पहली बार छलका डीके शिवकुमार का दर्द, हाथ से निकली कुर्सी !