मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार को लेकर असमंजस बना हुआ है। जीत हासिल करने वाला महायुति गठबंधन अब तक मुख्यमंत्री पद पर फैसला नहीं कर सका है, जबकि हार का सामना करने वाला महा विकास आघाड़ी हार के कारणों को लेकर आपसी आरोप-प्रत्यारोप में उलझा हुआ है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता और विधानपरिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि उनकी "ओवर कॉन्फिडेंस" वाली रणनीति गठबंधन की हार का कारण बनी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाकर सीटें मांगीं और आखिरकार हार गई। दानवे ने कहा कि कांग्रेस का हर नेता आत्मविश्वास से भरा हुआ था और परिणामस्वरूप गठबंधन को नुकसान हुआ। चुनाव में मिली शिकस्त के बाद शिवसेना ने पार्टी को मजबूत बनाने की बात कही है। दानवे ने कहा कि पार्टी ने उद्धव ठाकरे से आग्रह किया है कि वे भविष्य में राज्य की सभी 288 सीटों पर संगठन को मजबूत करें, भले ही सभी सीटों पर चुनाव न लड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि संगठन के लिए कॉरपोरेशन चुनावों की तैयारी करना जरूरी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति में अभी भी चर्चा जारी है। सीएम पद के दावेदारों में से एक, एकनाथ शिंदे, ने हाल ही में खुद को इस दौड़ से अलग कर लिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जो भी फैसला करेंगे, वह उसे स्वीकार करेंगे। इस पर दानवे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बीजेपी के पास बहुमत है, ऐसे में शिंदे को सीएम बनाना उचित नहीं होगा। दानवे ने यह भी सवाल उठाया कि शिंदे के ऐलान के बावजूद उनके सांसद अमित शाह से मुलाकात क्यों कर रहे हैं। उन्होंने इसे यह संकेत बताया कि शायद शिंदे की बातों को महत्व नहीं दिया जा रहा। इस बीच, बीजेपी और शिवसेना दोनों के नेता राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन कोई अंतिम फैसला अब तक नहीं हुआ है। 'वसूली करती है यूपी पुलिस..', सपा सांसद डिंपल यादव ने प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप जम्मू कश्मीर: तिलक लगाकर स्कूल पहुंचा, तो प्रिंसिपल ने बच्चे को पीटा, हुआ सस्पेंड अजमेर दरगाह को मंदिर बताने पर आगबबूला हुए चंद्रशेखर, जानिए क्या कुछ बोले?