नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल है. दरअसल, गलवान घाटी में भारत और चीन की आर्मी के बीच खुनी संघर्ष हुआ था. इस भिड़ंत में 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे. इस खुनी संघर्ष में चीन को भी भारी नुकसान हुआ था. इस तनाव के बाद से ही भारत में चीन विरोधी भावनाएं चरम पर हैं. वहीं चाइनीज सामान के बॉयकॉट की मुहिम तेज हो गई है. इस बीच, देश के सभी बंदरगाहों और एयरपोर्ट्स पर चीन से आए सामान को नहीं छोड़ा जा रहा है. यही कारण है कि मुंबई के हवाई अड्डे पर चीन से आए सामान अटके पड़े हैं. एक सूत्र के अनुसार, अब तक तक़रीबन 70 फीसदी भारतीय आयात खेपों को स्वचालित मार्ग के जरिए जांचा जाता रहा है. हालांकि, 23 जून के बाद से चीन से आने वाली किसी भी कन्साइनमेंट को 100 फीसदी मैनुअली चेक किया जा रहा है. तमाम प्रक्रिया के कारण क्लियरेंस में समय लग रहा है. सूत्र ने बताया कि मुंबई हवाई अड्डे पर प्रत्येक मोबाइल फोन, प्रत्येक कंसाइनमेंट की जांच की जा रही है. कस्टम डिपार्टमेंट के लिए ये एक बड़ा काम है. सूत्र के अनुसार, कंसाइनमेंट की मात्रा के संबंध में नहीं बताया जा सकता है, किन्तु ये बड़े पैमाने पर है. इस कारण कारोबारियों और उद्योग के लिए मुश्किलें उत्पन्न हो गई हैं. दरअसल, कारोबारियों को कंसाइनमेंट की सप्लाई होने में देरी हो रही है. कुछ परिस्थितियों में उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ रहा है. एक कारोबारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह अचानक किया गया बदलाव है. हमें इस नियम के संबंध में किसी भी तरह की सूचना नहीं मिली है. इस प्रक्रिया से सिर्फ आयातकों का उत्पीड़न होगा. कोरोना को लेकर चौकाने वाला खुलासा, यहां पर सबसे पहले मिले थे वायरस के लक्षण जेफ़ बेजोस पर भड़के टेस्ला के एलन मस्क, कह दिया 'नकलची बिल्ली' को-ऑपरेटिव बैंक की निगरानी से जुड़ा अध्यादेश राष्ट्रपति ने किया जारी