लगातार कंप्यूटर या स्क्रीन के संपर्क में रहना कई बी,बीमारियों को आमंत्रण दे रहा है कंप्यूटर पर ज्यादा समय तक काम करने से शरीर का पॉश्चर बिगड़ जाता है। उंगलियों को आराम न मिलने से दर्द होता है, आंखों में चुभन महसूस होती है और धुंधला दिखाई देने लगता है।इसे आंखों पर तनाव आना भी कहते हैं।इससे आंखों पर स्ट्रेन बढ़ जाता है। जिससे आंखों में जलन, चुभन महसूस होना, आंखें सूखी लगना, खुजली होना और उनमें भारीपन, पास की चीजें देखने में समस्या होना, रंगों का साफ दिखाई न देना, एक चीज़ का दो दिखाई देना, ये सब गलत ढंग से कंप्यूटर पर काम करने से होने वाली बीमारी के लक्षण हैं। एक टक कंप्यूटर स्क्रीन को देखते रहने से आंखों के मॉइश्चराइजर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे आंखों की नमी कम हो जाती है। आंखों की इस नमी बनाए रखने हेतु बार-बार पलक झपकाना जरूरी है। आपको चाहिए कि हर एक घंटे पर अपनी आंखों को 5-10 मिनट तक मूंद कर रखें ताकि आंसू की परत फिर से तैयार हो जाए।गलत पॉश्चर में हर दिन 4 घंटे से अधिक बैठने से जोड़ धीरे-धीरे वीक होते चले जाते हैं और दर्द होना शुरू हो जाता है। वही इस बात को देखा गया है कि मॉनिटर की चमक कम करने से विज़न सिंड्रोम से परेशान लोगों को राहत मिलती है। कंप्यूटर से बिल्कुल सटकर न बैठें। काम करते वक्त सीधी मुद्रा में बैठें।-मॉनिटर, माउस और वह पेपर डाक्युमेंट जिससे आप कॉपी कर रहे हैं यदि सही पोजिशन में रहें तो गर्दन और कंधे के दर्द या अकड़न में कमी आ सकती है।- कुर्सी इतनी ऊंची हो कि आप पैर को यूं फर्श पर रखें कि आपके घुटने 90 डिग्री के ऐंगल पर हों। नवरात्री में गर्भवती महिलाए इन टिप्स के साथ रख सकती है फ़ास्ट खाने के बाद नहाना सेहत पर पड़ भारी, जाने आवश्यक जानकारी नवरात्री फास्टिंग टिप्स : उपवास में न खाये ये फ़ूड, सेहत का रखे ध्यान