नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी आज शनिवार (26 नवंबर) को सर्वोच्च न्यायालय में आयोजित किए गए संविधान दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत कई पहलों और S3WASS वेबसाइट का शुभारंभ किया। पीएम मोदी ने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत जिन पहलों को शुरू किया है, उनमें वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टआईएस मोबाइल एप 2.0, डिजिटल कोर्ट और S3WASS शामिल हैं। बता दें कि, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था, जिसके उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2015 में मोदी सरकार द्वारा ही की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, संविधान दिवस समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि, ‘1949 में यह आज का ही दिन था जब आज़ाद भारत ने अपने लिए एक नई भविष्य की बुनियाद रखी थी। इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी खास है, क्योंकि भारत ने अपने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे किए हैं।’ उन्होंने इस मौके पर मुंबई आतंकी हमले (2008) का भी जिक्र किया, जिसकी आज 14वीं बरसी है। इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, ’14 वर्ष पूर्व जब भारत अपने संविधान और अपने नागरिकों के अधिकारों का पर्व मना रहा था, उसी दिन इंसानियत के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया था।’ उन्होंने कहा कि, ‘पूरा विश्व, भारत की तरफ बहुत उम्मीदों से देख रहा है। भारत को लेकर पहले आशंका जताई जाती थी कि वो अपनी आजादी कायम नहीं रख पाएगा। आज पूरी सामर्थ्य से अपनी सभी विविधताओं पर गर्व करते हुए भारत आगे बढ़ रहा है।’ उन्होंने कहा कि, ‘हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है, जो ओपेन और फ्यूचरिस्टिक है और अपने आधुनिक विजन के लिए जाना जाता है। इसलिए स्वाभाविक तौर पर हमारे संविधान की स्पिरिट यूथ सेंट्रिक है।’ पीएम मोदी ने कहा कि, ‘संविधान वह आधारशिला है जिस पर भारतीय राष्ट्र खड़ा है और हर गुजरते साल नई ऊंचाइयों को छु रहा है। तिहाड़ से सत्येंद्र जैन का नया वीडियो वायरल, अब जेल सुपरिटेंडेंट के साथ दिखे 'जेल मंत्री' अब राहुल गांधी ने ऐसा क्या कह दिया ? जो लोग उन्हें कहने लगे 'झूठा' 26/11 को 'हिन्दू आतंकवाद' मान रही होती दुनिया, यदि 'तुकाराम ओंबले' न होते