लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की आतंकवाद-रोधी शाखा (ATS) ने हाल ही में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिसमें अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के एक जटिल नेटवर्क का पता लगाया गया है, जिसमें भारत में मस्जिद बनाने के लिए विदेशों से धन प्राप्त करना, रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत के बड़े शहरों में बसाना और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होना शामिल है। दारुल उलूम देवबंद से जुड़े व्यक्तियों सहित संदिग्धों का खुलासा 11 अक्टूबर, 2023 को दर्ज एक FIR के माध्यम से किया गया था। संदिग्ध आतंकी और उनके अपराध:- यूपी ATS ने 10 संदिग्ध आतंकवादियों आदिल उर रहमान अशरफी, अबू हुरैरा गाजी, शेख नजीबुल हक, मोहम्मद राशिद, कफीलुद्दीन, अजीम, अब्दुल अवल, अबू सालेह, अब्दुल गफ्फार और अब्दुल्ला गाजी के खिलाफ FIR दर्ज की है। उन पर विदेशी धन प्राप्त करने, अवैध घुसपैठियों को बसाने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। दारुल उलूम देवबंद कनेक्शन:- मामले में एक अहम खुलासा ये है कि, ज्यादातर साजिशकर्ताओं का दारुल उलूम देवबंद से संबंध है। आरोपियों में दिल्ली निवासी अब्दुल अवल उत्तर प्रदेश, दिल्ली और असम के दस्तावेजों का उपयोग करके अवैध रूप से बैंक खाते खोलता है और उन्हें विदेशी धन प्राप्त करने के लिए अब्दुल गफ्फार को सौंप देता है। फिर पैसा हवाला के जरिए नजीबुल शेख तक पहुंचाया जाता है, जो दारुल उलूम देवबंद के पास एक दुकान का मालिक है। इस पैसों का इस्तेमाल कई राष्ट्र विरोधी कार्यों में किया जाता है। संदिग्धों ने बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को भारतीय दस्तावेज़ उपलब्ध कराकर भारत में घुसपैठ में मदद भी की है। फिर इन अवैध घुसपैठियों को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और उत्तर-पूर्व भारत सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बसाया गया है। ATS की कार्रवाई और गिरफ्तारियां:- 11 अक्टूबर, 2023 को यूपी ATS को लखनऊ के चारबाग स्टेशन से आदिल उर रहमान अशरफी, अबू हुरैरा और नजीबुल शेख की गिरफ्तारी की सूचना मिली। जांच में अवैध गतिविधियों में उनकी संलिप्तता का पता चला, जिसमें हाल ही में सीमा पार एक बांग्लादेशी महिला की तस्करी भी शामिल थी। ATS ने संदिग्धों के पास से इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, एटीएम कार्ड, विदेशी मुद्रा और भारतीय नकदी सहित विभिन्न सामान बरामद किए। भारतीय दंड संहिता और विदेशी अधिनियम 1946 की संबंधित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है। तीन व्यक्तियों, आदिल उर रहमान, नजीबुल शेख और हुरैरा गाजी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य फरार हैं। मस्जिदों की विदेशी फंडिंग:- जांच से पता चलता है कि विदेशी धन मस्जिदों के निर्माण के लिए था, जिसके पहले चरण में पाकिस्तान सीमा के साथ पंजाब और बांग्लादेश सीमा के पास पश्चिम बंगाल में योजना बनाई गई थी। ATS सक्रिय रूप से आतंकी नेटवर्क की जड़ों और उसके वित्तीय स्रोतों का पता लगा रही है। यह हालिया मामला एटीएस जांच की एक श्रृंखला को जोड़ता है, जिसमें 19 जुलाई, 2023 और 28 अप्रैल, 2022 को की गई गिरफ्तारियां शामिल हैं, जिसमें राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और अवैध घुसपैठ में शामिल दारुल उलूम देवबंद से जुड़े व्यक्तियों को उजागर किया गया है। यूपी ATS आतंक के वित्तपोषण, अवैध बस्तियों और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल नेटवर्कों की परिश्रमपूर्वक जांच और उन्हें नष्ट करने में लगी हुई है। हाल की गिरफ़्तारियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के उद्देश्य से कनेक्शन और गतिविधियों के जटिल जाल पर प्रकाश डालती हैं। रात 12 बजे इस शहर में बीच सड़क पर छिड़ी जंग फिर हुआ 'कंस वध', जगह का नाम पड़ गया 'कंस चौराहा' उत्तरकाशी के बाद अब पुणे में हुआ हादसा, 300 फीट गहराई में गिरे किसान, तलाश में जुटी रेस्क्यू टीम 'बलात्कार के बाद कुल्हाड़ी से लड़की को काटा...', UP पुलिस ने किया एनकाउंटर