एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक इस्तेमाल आपको गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। WHO के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, नए आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। खांसी-जुकाम, बदन दर्द, बुखार या एलर्जी के दौरान लोग अक्सर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी ऐसा कुछ करते हैं, तो ऐसा बिल्कुल न करें। क्योंकि WHO का शोध काफी डराने वाला है। इस दवा के अत्यधिक इस्तेमाल से मानवता के सामने 'एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस' पैदा हो रहा है, जो किसी भी महामारी से भी बड़ा खतरा बनकर उभरा है। क्या है AMR? एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बैक्टीरिया को मारने के लिए किया जाता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति बार-बार एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल कर रहा है, तो बैक्टीरिया उस दवा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं। इसके बाद इसका इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसे एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस कहते हैं। ऐसी स्थिति में इलाज तो ठीक से नहीं हो पाता, लेकिन लिवर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं। इसके साथ ही लिवर डैमेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसकी शुरुआत फैटी लिवर से होती है। और धीरे-धीरे यह सिरोसिस-फाइब्रोसिस में बदल जाता है। शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग लिवर होता है। इसका वजन करीब 1.5 किलोग्राम होता है। लिवर शरीर की गंदगी को छानने का काम करता है, यानी लिवर आपके शरीर को डिटॉक्स करता है। तला-भुना और मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए। जंक, रिफाइंड शुगर खाने से बचना चाहिए। अगर आप इन सब पर सही समय पर कंट्रोल नहीं करते हैं, तो फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है। फैटी लिवर की बीमारी के कारण- मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, थायरॉयड, स्लीप एपनिया है. लौकी की मदद से आप भी बना सकते हैं ये खास लजीज डिशेज सूजन, एसिडिटी, कब्ज दूर हो जाएगा! ये खाद्य पदार्थ आपके पेट के स्वास्थ्य को रखेंगे स्वस्थ मानसून के दौरान इन खाद्य पदार्थों से दूर रहें, नहीं तो आप हो जाएंगे बीमार