कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का देशभर में इलाज चल रहा है. वही, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने संक्रमण के इलाज के दौरान उत्पन्न होने वाले सभी प्रकार के बायोमेडिकल कचरे पर ‘कोविड-19 कचरा’ लेबल लगाना अनिवार्य किया है. ये दिशानिर्देश बायो-मेडिकल कचरा (बीएमडब्ल्यू) प्रबंधन नियम 2016 के तहत जारी किए गए हैं. स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा के अंतर्गत केंद्र ने इसे आवश्यक सेवा के रूप में माना है. कोरोना : स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बेहूदा हरकत कर रहे तब्‍लीगी जमाती आपकी जानकारी के लिए बात दे कि स्वास्थ्य मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कोविड-19 के कचरा प्रबंधन पर कठोर निर्देश तैयार किए हैं. दिशानिर्देश के मुताबिक, लेबल से ऐसे कचरे की आसानी से पहचान होगी और उसका त्वरित निस्तारण हो सकेगा. जन-धन खाताधारकों से वित्त मंत्रालय की अपील, कहा- बैंकों में भीड़ ना लगाएं इस नए आदेश के अनुसार आइसोलेशन वार्ड, क्वारंटाइन सेंटर, नमूना एकत्र करने वाले केंद्र, प्रयोगशालाएं, शहरी स्थानीय निकाय, सामान्य बायोमेडिकल कचरा उपचार एवं निस्तारण सुविधाओं में लगे सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 कचरे के प्रबंधन के इस दिशानिर्देश का पालन करना होगा. कोविड-19 से पैदा होने वाले बायो-मेडिकल कचरे को खतरनाक कचरे के रूप में माना जाएगा. वही, ऐसे कचरे के निस्तारण के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तीन स्तरों वाले मास्क समेत पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, स्प्लैश-प्रूफ एप्रन या गाउन, नाइट्राइल ग्लव्स और सेफ्टी गॉगल्स पहनने चाहिए. इसके साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सैनिटाइजेशन के अलावा बायोमेडिकल कचरा एकत्र करने के बारे में उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. लोगों को मेडिकल टीम पर हमला करने के लिए भड़काता था मोहम्मद मोइन, हुआ गिरफ्तार राजस्थान में कोरोना से 65 वर्षीय महिला की मौत. कुल संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 191 पंजाब में बढ़ा संक्रमितों का आकंड़ा, 11 नए मामले आए सामने